Accident in Maa Bamleshwari Mandir: पहाड़ी से चट्टान गिरने की घटना से हिला डोंगरगढ़, मां बमलेश्वरी मंदिर पर मंडराया खतरा? नई सीढ़ियों का एक हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त
Accident in Maa Bamleshwari Mandir: पहाड़ी से चट्टान गिरने की घटना से हिला डोंगरगढ़, मां बमलेश्वरी मंदिर पर मंडराया खतरा? नई सीढ़ियों का एक हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त
Accident in Maa Bamleshwari Mandir | Photo Credit: IBC24
- पहली बार गिरी मां बमलेश्वरी पहाड़ी से विशाल चट्टान
- श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर सवाल
- कई पेड़ धराशायी, दर्शन के रास्ते की सीढ़ियाँ टूटीं
डोंगरगढ़: Accident in Maa Bamleshwari Mandir विश्व प्रसिद्ध मां बमलेश्वरी पहाड़ी पर सोमवार सुबह पहली बार एक विशाल चट्टान खिसककर गिर गई, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। चट्टान गिरने से कई बड़े पेड़ धराशायी हो गए और दर्शन के लिए बनी पीछे की नई सीढ़ियों का एक हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
Accident in Maa Bamleshwari Mandir स्थानीय लोगों ने बताया कि पहाड़ी पर ऐसा हादसा पहली बार हुआ है। स्थानीय निवासी मान बाई नेताम ने बताया,“सुबह जैसे बादल गरजते हैं वैसे आवाज आई। हमारा लड़का चिल्लाया कि माई, पत्थर गिर रहा है। हम लोग तो बचपन से यहां हैं, लेकिन ऐसा पहली बार देखा।” गनीमत रही कि चट्टान दूसरी चट्टानों पर अटक गई, वरना नीचे बसे घरों और रास्तों पर बड़ा हादसा हो सकता था।
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सूत्रों की मानें तो पहाड़ी के ऊपर एक बड़ी चट्टान को हटाने के लिए बारूदी ब्लास्टिंग की गई थी, जिससे पहाड़ी की संरचना कमजोर हो गई। इसके अलावा पहाड़ी पर लंबे समय से हो रहा अवैज्ञानिक निर्माण, पत्थरों की कटाई और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई भी इस हादसे का कारण मानी जा रही है।
इस तरह की गतिविधियां पहाड़ी की मजबूती को कमजोर कर रही हैं। हादसे में पहाड़ी पर रणचंडी मंदिर की ओर बनी करीब 500 सीढ़ियों के ऊपर का हिस्सा टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया और मार्ग अवरुद्ध हो गया। डोंगरगढ़ की मां बमलेश्वरी मंदिर विश्व प्रसिद्ध है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। ऐसे में हादसे ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस घटना को लेकर वन परिक्षेत्र अधिकारी भूपेंद्र उइके ने कहा कि मां बमलेश्वरी पहाड़ी के पीछे दर्शन मार्ग में गिरी चट्टान और पेड़ों को हटाकर रास्ता साफ करा दिया गया है ताकि श्रद्धालुओं का आना-जाना बाधित न हो। उन्होंने बताया कि दो विशाल चट्टानों के गिरने से कई पेड़ जरूर धराशायी हुए हैं, चूंकि ये बड़ी चट्टान है इसे हटाया नहीं जा सकता, लेकिन गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।
प्रथम दृष्टया यह प्राकृतिक आपदा का मामला प्रतीत होता है, लेकिन वन विभाग घटना के कारणों की जांच करेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। फिलहाल मां बमलेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति का चुनाव चल रहा है, जिससे इतनी बड़ी घटना के बावजूद ट्रस्ट की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मंदिर संचालन और श्रद्धालुओं की व्यवस्था ट्रस्ट की जिम्मेदारी है, जबकि पहाड़ी और पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी पर्यावरण मंत्रालय और संबंधित विभागों की है।

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