‘बड़ों’ का सम्मान..’23’ का अभियान! क्या वरिष्ठ नेताओं को पार्टी में नहीं मिल रहा महत्व?
क्या वरिष्ठ नेताओं को पार्टी में नहीं मिल रहा महत्व? Are senior leaders not getting importance in the party?
रायपुर। छत्तीसगढ़ में किसका टिकट कटेगा और किसको टिकट बंटेगा इसे लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के नेता कयास लगा रहे हैं। ऐसे माहौल में कद्दावर नेताओं के बयान और निर्देशों को भी टिकट से जोड़ लिया जाता है। कुछ ऐसा ही हो रहा है पीसीसी प्रभारी कुमारी सैलजा के एक निर्देश को लेकर। क्या है वह निर्देश और उसके मायने क्या निकाले जा रहे हैं?
अगर आप टिकट की आस लगाए बैठे हैं तो आपको कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री अमरजीत चावला की इस चिट्ठी का मजमून समझना होगा। पीसीसी प्रभारी कुमारी सैलजा के निर्देश पर ये चिट्ठी मंत्रियों को जारी की गई है और कहा गया है कि राजनीतिक और सरकारी कार्यक्रमों में जिले के पार्टी पदाधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं को सम्मिलित करें।साथ ही जिले में प्रवास के दौरान सीनियर कांग्रेस पदाधिकारियों को सम्मानित भी करें।
कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे भले ही इसे रूटीन व्यवहार में लिखी चिट्ठी बता रहे हैं लेकिन.. चर्चा है कि इसके जरिए कांग्रेस असंतोष कम करने की रणनीति पर काम कर रही है। साथ ही ये सीनियर्स की सम्मानजनक विदाई का प्लान भी हो सकता है। बीते दिनों CM भूपेश बघेल भी टिकट को लेकर संकेत दे चुके हैं। हालांकि बीजेपी इसे कुछ और रंग दे रही है। पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि सैलजा के निर्देश से ये साफ है कि प्रदेश में कांग्रेसी अपमानित हो रहे हैं।
Read More: भाजपा सांसद ने एक और ‘जन रसोई’ का किया उद्घाटन, 1 रुपये प्रति प्लेट मिलेगा भोजन
बीजेपी के इस सवाल पर कांग्रेस के जवाब का इंतजार हमें भी है। सवाल ये भी है कि क्या वाकई वरिष्ठ नेताओं को पार्टी में महत्व नहीं मिल रहा और नेताओं में असंतोष है? 23 के चुनाव के पहले पीसीसी प्रभारी कुमारी सैलजा को ऐसा निर्देश क्यों देना पड़ा?

Facebook



