Prachin Ram Mandir in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में स्थित है प्रभु श्री राम का बेहद प्राचीन मंदिर, 22 जनवरी के लिए की जा रही खास साज सज्जा, इस राजा ने बनवाया था 200 साल पहले

Prachin Ram Mandir in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में स्थित है प्रभु श्री राम का बेहद प्राचिन मंदिर, 22 जनवरी के लिए की जा रही खास साज सज्जा

  • Reported By: Arun Soni

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  • Publish Date - January 19, 2024 / 11:50 AM IST,
    Updated On - January 19, 2024 / 12:00 PM IST

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अरुण कुमार सोनी, बलरामपुरः Prachin Ram Mandir in Chhattisgarh राम आएंगे तो….इसी थीम पर इस समय पूरा देश झूम रहा है और सभी 22 जनवरी के इंतजार कर रहे हैं। जी हां इस दिन भगवान राम लला अयोध्या पधार रहे हैं। इस अवसर के लिए देशभर के सभी राम मंदिरों को सजाया जा रहा है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के वनांचल में स्थित 200 साल पुराना राम मंदिर कैसे अछूता रह सकता है। बताया जा रहा है कि यहां राम मंदिर को धूम धाम से सजाया जा रहा है।

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Prachin Ram Mandir in Chhattisgarh मिली जानकारी के अनुसार बलरामपुर जिले कुसमी विकासाखण्ड के ग्राम पंचायत कन्दरी में भगवान श्रीराम का प्राचीन मंदिर स्थित है। स्थानीय लोगों की मानें तो लगभग 200 साल पहले एक राजा ने अपनी निशानी के तौर पर इसका निर्माण कराया था और यहां अष्टधातु की मूर्तियां स्थापित की गई थी। कुछ साल पहले मंदिर की मूर्ति चोरी हो गई थी, जिसके बाद मंदिर खंडहर हो गया है। लेकिन वर्तमान समय मे जिस तरह से पूरा देश राममय हो चुका है यहां के लोगों ने भी मंदिर के जीर्णाेद्धार का बीड़ा उठा लिया है। लगभग 7 एकड़ में फैले इस मंदिर के साथ ही परिसर की सफाई काफी जोर शोर से की जा रही है।

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यहां के रहने वाले लोग अब दूसरी जगह पर निवास करने चले गए हैं, लेकिन भगवान राम के प्रति उनकी आस्था कम नहीं हुई है। अब स्थानीय लोगों के सहयोग से मंदिर को नए तरीके से बनाया जा रहा है और उनका प्रयास किया जा रहा है कि 22 जनवरी को इस स्थान को अयोध्या की तरह सजाया जाए। साथ ही यहां धूमधाम से दीपोत्सव मनाया जाएगा।

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इस मंदिर के पीछे एक लंबी कहानी भी है बताया जाता है कि राजा की एक ही बेटी थी और बेटी का विवाह करने के बाद उन्होंने इस मंदिर का निर्माण कराया था। राजा ने इस मंदिर के अपने निवास से करीब 1.5 किलोमीटर दूर बनवाया था। बताया जाता है कि प्रतिवर्ष इस डेढ़ किमी की दूरी को राजा एक सप्ताह में तय करते थे और विधि विधान से प्रभु श्रीराम माता जानकी और हनुमान जी की आराधना करते थे।

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