बस्तर। बस्तर में सरकारी समर्थन मूल्य बढ़ने के बाद वनोपज खरीदी में धांधली के मामले बढ़ने लगे हैं। जिन वनोपज समिति की जिम्मेदारी है कि ग्रामीणों की बेहतर आए के लिए वे सीधे उनसे उचित मूल्य में वनोपज खरीदी करें, उसकी जगह वे व्यापारियों से सांठगांठ कर घटिया माल खरीद कर ग्रामीणों के नाम पर सरकारी गोदामों में जमा कर रहे हैं। ताजा मामले में ऐसे ही 5 प्रबंधकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
महुआ फूल खरीदी के नाम पर की धांधली
बस्तर के अंतर्गत बीजापुर में प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों में महुआ फूल खरीदी के नाम पर इन पांचों प्रबंधकों ने धांधली की थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ग्रामीणों से सीधे संवाद का असर दिखाई देने लगा है। कई गंभीर अनियमितताएं जिनसे ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा है, ऐसी चीजें उजागर होने लगे हैं। मामला अतिसंवेदनशील बीजापुर जिले का है, जहां पर सरकार की वनोपज खरीदी नीति के जरिए ग्रामीणों को सीधे लाभ पहुंचाने की योजना को बट्टा लगा रहे प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति के प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
व्यापारियों से सांठगांठ कर भर रहे गोदाम
19 मई को लगाई गई जन चौपाल के दौरान महिलाओं ने शिकायत की थी, कि उनके द्वारा खरीदे गए महुआ फूल स्थानीय वनोपज सहकारी समितियों में खरीदी नहीं जा रहे हैं। शिकायत की जांच पर पाया गया कि सहकारी समितियों के प्रबंधक व्यापारियों से सांठगांठ कर घटिया माल खरीद कर सरकारी गोदाम में जमा कर रहे हैं। बीजापुर के इन प्रबंधकों ने करीब सवा करोड़ रुपए की इस तरह से हेरफेर की थी। जांच के बाद इन पांचों प्रबंधकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। कमोबेश ऐसे ही कई मामले सरकारी समर्थन मूल्य बढ़ने के बाद वनउपज खरीदी से जुड़े अलग-अलग जिलों में आ रहे हैं। अधिकारियों का दावा है कि सभी पर नजर रखी जा रही है और शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जा रही है।
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