Bhupesh Baghel PC After ED Raid. Image Source- IBC24
भिलाईः Bhupesh Baghel PC After ED Raid छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और AICC महासचिव भूपेश बघेल और बेटे चैतन्य के घर पर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम ने दबिश दी। ईडी के अधिकारी सुबह से दस्तावेज खंगाल रहे थे। कार्रवाई के बीच नोट गिनने और सोना जांचने की मशीनें भी मंगाई गई है। 11 घंटे की पूछताछ खत्म होने के बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसी की हिम्मत नहीं है कि वो भूपेश बघेल को छू सके। भूपेश बघेल मौत से भी नहीं डरते। मुझे ना हारने का डर है ना मरने का। ED के पास कोई ECIR नंबर नहीं है। जब हमने इसके बारे में पूछा तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। 7 साल पहले मेरे खिलाफ एक गंभीर आरोप लगाया गया था। उस मामले में कुछ नहीं मिला, क्योंकि SC ने मुझे बरी कर दिया। इस मामले में भी उन्हें कुछ नहीं मिलेगा।’
Bhupesh Baghel PC After ED Raid उन्होंने कहा, ‘ये सब भाजपा द्वारा राजनीतिक साजिश है। उनका काम हमें परेशान करना है। मैं आज सुबह उठा, चाय पी रहा था। उन्होंने कहा कि हम ईडी से हैं, मैंने कहा स्वागत है। मैं तीन साल से इंतजार कर रहा हूं, उनके पास सर्च वारंट नहीं था।’ पूर्व सीएम ने मीडिया में चल रही खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘खबरों में चल रहा है कि कैश गिनने वाली मशीनें आ गई हैं। मेरी बहू को शादी से पहले बैंक में काम करना पड़ता है। उसने कहा मैं इतना कैश हाथ से गिन लेती थी। मशीन की जरूरत नहीं पड़ती।’
वहीं, ईडी की छापेमारी को दौरान उनके बंगले के बाहर पहुंचे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का पूर्व सीएम ने धन्यवाद किया है। और कहा कि कांग्रेस को पूरी एकता के साथ एकजुट रहना चाहिए। इस बार यह मेरा घर है, अगली बार ये किसी और का घर होगा। हमें एकजुट रहना चाहिए। मेरे घर से जो 35 लाख नकद बरामद हुए हैं, वह सब हमारे कृषि व्यवसाय से आए हैं और हम में से ज्यादातर लोग अच्छी कमाई करते हैं। ये कांग्रेस के खिलाफ भाजपा की साजिश है, ताकि हमें बदनाम किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुझे पंजाब का प्रभारी बनाया गया है। इसलिए छापेमारी हुई है, ताकि मैं हतोत्साहित हो जाऊं। किसी से पूछताछ नहीं की गई। वो केवल यह जानना चाहते थे कि हमारे घर पर कितनी नकदी, सोना, चांदी है। उनके पास कोई ECIR नंबर नहीं था। भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पर निशाना साधते हुए कहा, वह केवल कागज पढ़ते हैं। वो सवालों से भागते हैं। पर हम आम आदमी, बेरोजगारों, किसानों, गरीबों की लड़ाई लड़ रहे हैं।