Bijapur Naxal News
संतोष तिवारी, बीजापुर।
Bijapur Naxal News: नव वर्ष के दिन फायरिंग में मासूम बच्ची की मौत हो गई। मासूम की मां ने बताया कि मैं घर में चार पाई पर बैठकर अपनी बेटी को दूध पिला रही थी तभी घर की दूसरी ओर से शाम को करीब 4 बजे जवानों की ओर से फायरिंग शुरू कर दी गई। और फायरिंग की जद में आकर गोली लगने से मेरी बेटी की मौत हो गई और मैं घायल हो गई। अपनी आपबीती सुना रही महिला मासे सोढ़ी, जिसकी छह माह की मासूम संतान की 1 जनवरी की शाम पुलिस-नक्सली गोलीबारी के बीच मौत हो गई। घटना में मासे के हाथ में गोली लगी है और उसका उपचार जारी है।
की गई थी क्रॉस फायरिंग
दरअसल, एक जनवरी की शाम मुतवेण्डी गांव के रहने वाले बामन और मासे दंपत्ति के लिए उनके जीवन का काला अध्याय साबित हुआ। इस दिन को वो जीते जी कभी भूला नहीं सकते। गंगालूर थाना क्षेत्र अंतर्गत मुतवेण्डी गांव जहां सुरक्षा के साए में सड़क बन रही है। एक जनवरी की शाम इसी गांव में बंदूक से निकली एक गोली ने छह माह की एक मासूम से उसकी जिंदगी छीन ली। घटना के फौरन बाद पुलिस की तरफ से दावा किया गया कि नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान क्रॉस फायरिंग में गोली मासूम को लगी। गोली भी नक्सलियों की तरफ से दागी गई थी।
पुलिस ने नक्सलियों को ठहराया कसूरवार
पुलिस के इस बयान को चंद घंटे हुए थे कि नक्सलियों की तरफ से बयान आता है, जिसमें बच्ची की मौत के लिए नक्सल संगठन पुलिस को कसूरवार ठहराते पुलिसिया दावे का खंडन करता है। जिस इलाके में यह घटना घटी वहां हालात खंदक जैसे हैं। समूचा इलाका नक्सलियों के प्रभाव में है।जहां सुरक्षा के सख्त पहरे में विकास का खाका खींचने की तैयारी है। आखिर किसकी गोली से छह माह की मासूम की मौत हुई? पुलिस और नक्सलियों के दावों का आखिर सच क्या है ? यह एक सवाल बना हुआ है।
Bijapur Naxal News: जवानों द्वारा कहा गया था कि सड़क निर्माण किया जाना है, इसलिए सड़क निर्माण की साइट पर आकर ये बता दें कि आपकी जमीन कौन सी है और कहीं पेड़ पौधे तो सड़क की जद में तो नहीं आ रहे, इसलिए हम सब उसी तरफ जा रहे थे, तभी फायरिंग शुरू हो गई, और वहीं पास ही स्थित मकान में मेरी पत्नी छह माह की बेटी को दूध पिला रही थी। तभी गोली आकर पत्नी की हाथ को घायल करते हुए बेटी को जा लगी, जिससे घटना स्थल पर उसकी मौत हो गई। अब मुझे मुआवजा नहीं बल्कि बेटी के बदले बेटी चाहिए।