Reported By: Jitendra Thawait
,Bilaspur Water Supply News / Image Source: IBC24
Bilaspur Water Supply News: बिलासपुर: बिलासपुर शहर के लिए अगले 15 दिन चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं क्योंकि आज 21 नवंबर से अमृत मिशन योजना के तहत मिलने वाली सरफेस वॉटर सप्लाई पूरी तरह रोक दी गई है। इस दौरान खूंटाघाट जलाशय की मुख्य दायीं तट नहर में हो रहे लगातार रिसाव को ठीक करने का कार्य किया जाएगा। शहर के हजारों घरों को मिलने वाली पेयजल व्यवस्था इस मरम्मत कार्य के चलते प्रभावित रहेगी, जिसके कारण पानी का संकट गहरा सकता है।
जल संसाधन विभाग के मुताबिक़, खारंग खूंटाघाट जलाशय की मुख्य दायीं तट नहर में लंबे समय से सीपेज की समस्या बनी हुई थी। नहर की लगभग 30 मीटर लंबाई में रिसाव बढ़ चुका है, जिससे जल का भारी नुकसान हो रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने आज से नहर की मरम्मत का काम आरंभ करने का निर्णय लिया है। मरम्मत के दौरान जलाशय से अमृत मिशन ट्रीटमेंट प्लांट तक की पानी सप्लाई बंद रहेगी। इस नहर से ही अमृत मिशन योजना के जरिए शहर के लगभग 40,000 घरों तक ट्रीटेड पानी पहुंचाया जाता है। ऐसे में सप्लाई रुकने से शहरवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
नगर निगम ने स्थिति को देखते हुए वैकल्पिक योजना तैयार की है। शहर के करीब 37,000 घरों में ट्यूबवेल से ग्राउंड वाटर की सप्लाई की जाएगी। निगम पहले की तरह ट्यूबवेल के माध्यम से बड़ी टंकियों को भरेगा और फिर छोटी टेकियों के जरिए घरों तक पानी पहुंचाया जाएगा। जहां पानी की अधिक समस्या है, वहां टैंकरों के जरिए भी सप्लाई उपलब्ध कराने की तैयारी की गई है। इसके बावजूद अधिकारियों का कहना है कि लोगों को निश्चित रूप से जल विवाद का सामना करना पड़ेगा क्योंकि शहर में प्रतिदिन लगभग 31 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है। सरफेस वॉटर सप्लाई बंद होने से इस आवश्यकता को पूरा करना मुश्किल होगा।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए निगम ने पानी सप्लाई के समय में कटौती करने का फैसला लिया है। सुबह और शाम की सप्लाई में आधे से एक घंटे तक की कमी की जा सकती है। ये कदम सीमित जल उपलब्धता को संभालने के लिए उठाया जा रहा है।
Bilaspur Water Supply News: अधिकारियों के अनुसार, नहर की मरम्मत का काम ठंड के मौसम में इसलिए शुरू किया गया है क्योंकि इस दौरान पानी की खपत अन्य मौसमों की तुलना में कम रहती है। गर्मियों में इसी प्रकार का काम करने से स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी। इसलिए 15 दिनों के भीतर मरम्मत कार्य पूरा करने की योजना बनाई गई है, जिससे सामान्य पानी सप्लाई जल्द बहाल की जा सके।
खूंटाघाट जलाशय की सप्लाई रुकने से न केवल घरों में बल्कि अस्पतालों, होटलों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर भी प्रभाव पड़ेगा। लोगों से पानी का सावधानीपूर्वक उपयोग करने और अनावश्यक बर्बादी रोकने की अपील की गई है।