छत्तीसगढ़: अबूझमाड़ के अंदरूनी पल्लेवाया गांव में सीआरपीएफ का नया शिविर स्थापित

छत्तीसगढ़: अबूझमाड़ के अंदरूनी पल्लेवाया गांव में सीआरपीएफ का नया शिविर स्थापित

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  • Publish Date - December 6, 2025 / 08:08 PM IST,
    Updated On - December 6, 2025 / 08:08 PM IST

दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़), छह दिसंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ इलाके के पल्लेवाया गांव में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने एक नए शिविर का निर्माण किया है जिससे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाई जा सके तथा लोग शासन की योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह शिविर दंतेवाड़ा जिला पुलिस और सीआरपीएफ की 165वीं बटालियन ने मिलकर तैयार किया तथा चार दिसंबर को इसकी शुरुआत की गई। यह शिविर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में दंतेवाड़ा जिले की सीमा पर एक अहम जगह पर स्थापित है।

दंतेवाड़ा जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरके बर्मन ने बताया कि यह शिविर सीआरपीएफ की 165वीं बटालियन का फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) होगा, जो बीजापुर तथा नारायणपुर के पहुंचविहीन गांवों को जोड़ रहा है।

बर्मन ने बताया कि तमाम विपरीत परिस्थिति के बावजूद सुरक्षा बलों द्वारा निर्माण कार्य की गति में कोई कमी नहीं आई है। शिविर की स्थापना के दौरान नक्सली स्मारक भी ध्वस्त किए गए।

उन्होंने कहा कि सभी जवान, जनता के हित को ध्यान में रखते हुए दिन-रात मेहनत करके उन्हें सभी आधारभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह एफओबी कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के बीच स्थापित किया गया, जो बलों की असाधारण साहस, दृढ़ संकल्प और पेशेवर क्षमता का परिचायक है।

अधिकारी ने बताया कि इस बेस की स्थापना अबूझमाड़ के भीतरी हिस्सों में सुरक्षा और शासन की पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जो लंबे समय तक वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित रहे हैं।

पल्लेवाया में नवीन सुरक्षा शिविर से क्षेत्र में शांति, विश्वास एवं विकास के नए आयाम जुड़ेंगे। यह पहल न केवल नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक निर्णायक कदम है, बल्कि शासन की ‘विकास ही सुरक्षा’ की नीति को सशक्त रूप से मूर्त रूप प्रदान करती है।

बर्मन ने कहा कि पल्लेवाया एफओबी की स्थापना सीआरपीएफ, सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन, छत्तीसगढ़ पुलिस और स्थानीय प्रशासन के सामूहिक समर्पण, समन्वय और अथक प्रयासों का प्रमाण है, जो अबूझमाड़ में स्थायी शांति, समृद्धि और प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने बताया कि शिविर स्थापना का उद्देश्य छत्तीसगढ़ शासन की जनकल्याणकारी योजना ‘नियद नेल्लानार’ के तहत इस क्षेत्र के ग्रामीणों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना और शासन की योजनाओं से लाभान्वित करना है। यह क्षेत्र पूर्व में माओवादियों के कोर जोन के रूप में पहचाना जाता था।

इस शिविर की स्थापना से बीजापुर तथा नारायणपुर जिले के पहुंचविहीन गांवों को जोड़ा गया है।

अधिकारी ने बताया कि पल्लेवाया शिविर से आसपास के ग्रामीणों को अब सड़क, बिजली, मोबाइल नेटवर्क, स्वास्थ्य केंद्र, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकानें, शिक्षा और अन्य मूलभूत सुविधाएं सुगमता से उपलब्ध हो सकेंगी।

केंद्र ने माओवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए 31 मार्च, 2026 की समय सीमा तय की है।

भाषा सं संजीव सुरभि

सुरभि