पशुपालकों और स्व सहायता समूह की महिलाओं के खाते में आए पैसे, सीएम बघेल ने जारी की गोधन न्याय योजना की राशि

Chhattisgarh govt sent money to the account of women and cattle rearers

पशुपालकों और स्व सहायता समूह की महिलाओं के खाते में आए पैसे, सीएम बघेल ने जारी की गोधन न्याय योजना की राशि
Modified Date: November 29, 2022 / 09:00 pm IST
Published Date: March 6, 2022 8:38 pm IST

रायपुरः Chhattisgarh govt sent money मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम में गोबर विक्रेता ग्रामीणों और गौठान समितियों तथा महिला स्व सहायता समूह को कुल 5 करोड़ 38 लाख रुपये की राशि का ऑनलाइन अंतरण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे गौठान और गोधन न्याय योजना की सफलता अब किसी से छुपी नहीं रह गई है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि आज राज्य के 2800 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं ,जो राज्य में निर्मित एवं संचालित गौठनों की संख्या का एक तिहाई से भी अधिक है।

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Chhattisgarh govt sent money उन्होने कहा कि यह स्वावलंबी गौठान अब गोधन न्याय योजना के अंतर्गत स्वयं की राशि से गोबर खरीदी और गौठान की व्यवस्था स्वयं संभालने लगे हैं। यह खुशी की बात है कि स्वावलंबी गौठान अब पशुपालक ग्रामीणों से गोबर खरीदी में स्वयं की पूंजी का निवेश करने लगे हैं। स्वावलंबी गोठनों ने 12 करोड़ 60 लाख रुपये का गोबर, स्वयं की राशि से खरीदा है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने स्वावलंबी गोठान समिति के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों को बधाई दी।

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सीएम ने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत अब तक गोबर विक्रेताओं को 129.86करोड़ का भुगतान हो चुका है। गोठनों में अब तक महिला समूहों द्वारा 15 लाख 29 हज़ार क्विंटल से अधिक कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया गया है। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा , छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन , कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ कमलप्रीत सिंह, सचिव कृषि डॉ एस. भारतीदासन, संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं चंदन संजय त्रिपाठी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।