शह मात The Big Debate: खाद की किल्लत.. गरमाई सियासत, क्या किसान और धान के बहाने अपनी सियासी फसल पका रही कांग्रेस?
क्या किसान और धान के बहाने अपनी सियासी फसल पका रही कांग्रेस? Congress is preparing its political harvest in the name of farmers and paddy
रायपुरः CG Politics : 2023 चुनाव में सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस ने अब प्रदेश सरकार को घेरने जनता से, किसानों से, धान से जुड़े मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगाया है कि सरकार जानबूझकर खाद की किल्लत पैदा कर रही है, ताकि धान का रकबा घटे। इसके अलावा नक्सलवाद सफाया अभियान, मंत्रिमंडल विस्तार, पाठ्यक्रम सुधार जैसे विषयों पर भी कांग्रेस ने सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। सवाल ये है कि क्या वाकई धान का रकबा और खाद की किल्लत का कोई कनेक्शन है ? सवाल ये भी क्या बीजेपी विधायकों में संगठन को लेकर कोई नाराजगी है?
CG Politics : विपक्ष का सरकार पर सीधा आरोप है कि छग में खाद की कमी जानबूझकर की जा रही है। पूर्व CM भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार प्रदेश में धान का रकबा घटाना चाहती है, इसीलिए किसानों को खाद उपलब्ध नहीं करायी जा रही। बघेल ने ये भी कहा कि किसानों को धान की खेती से हटाएंगे तो पलायन बढ़ेगा। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री ने BJP विधायक दल की बैठक पर तंज कसा कि बीजेपी विधायकों में जमकर आक्रोश है, लेकिन भाजपा में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सहमति नहीं बनती सीधे फरमान सुनाया जाता है। भूपेश के वार पर मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस को भ्रम फैलाने में माहिर बताते हुए पलटवार किया और कहा कि खाद की कमी पूरे देश में है, विधायकों की नाराजगी पर कहा कि पहले पूर्व CM मोहन मरकाम के साथ किए दुर्व्यवहार पर जवाब दें।
दरअसल, बुधवार को राजधानी में विधायक दल की मीटिंग हुई जिसे लेकर फिर से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं गर्मा गईं। दूसरी तरफ बीजेपी विधायक दल की मीटिंग में सत्तापक्ष के विधायकों को आगामी कार्यक्रमों को लेकर जिम्मेदारी दी गई। रायपुर में बीजेपी विधायक दल की बैठक में पार्टी ने विधायकों को 9 से 21 जून तक तय कार्यक्रम के लिए टास्क बांट दिए हैं, जिसके तहत सत्तापक्ष के मंत्रियों-विधायकों को मोदी सरकार के 11 साल की उपलब्धि,21 जून को योग दिवस, 23 जून श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस, 25 जून को आपातकाल पर होने वाले कार्यक्रम और एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम की जिम्मेदारी दी गई है। वैसे, विपक्ष ने इसके अलावा नक्सलवाद के पूर्ण सफाए और पाठ्यक्रम में परिवर्तन के मुद्दे पर भी बीजेपी को कठघरे में खड़ा किया।
कुल मिलाकर बीजेपी सरकार को घेरने कांग्रेस ने जनता से जुड़े मुद्दों को चुना। इस वक्त किसानों की सबसे बड़ी समस्या DAP खाद की किल्लत, शराबबंदी , नक्सलवाद के खात्मा जैसे मुद्दे पर सवाल उठाने के साथ-साथ कांग्रेस ने बार-बार मंत्रिमंडल विस्तार अटकने पर बीजेपी पर करारा कटाक्ष भी किया। सबसे बड़ा सवाल है विपक्ष के आरोपों में कितनी सच्चाई है, क्या ये आरोप सरकार की चुनौती बढ़ाएंगे?

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