Reported By: Saurabh Singh Parihar
,Radhika Khera resignation controversy: रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस दफ्तर में स्थानीय नेताओं की बदसलूकी से नाराज राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना इस्तीफा पोस्ट करते हुए कांग्रेस नेतृत्व पर जमकर निशाना साधा। राधिका खेड़ा का रायपुर में कांग्रेस मुख्यालय में स्थानीय नेताओं से विवाद हुआ था। अटकलें हैं कि राधिका बीजेपी ज्वाइन कर सकती हैं। इस विवाद में अब तक क्या हुआ आइए जानते हैं।
राधिका खेड़ा जो 22 सालों से कांग्रेस पार्टी के साथ खड़ी रही। छात्र राजनीति से ही कांग्रेस की विचारधारा के साथ जिन्होंने पार्टी के लिए हर मोर्चा पर कदमताल किया, रविवार को कांग्रेस को अलविदा कह दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मलिल्लकार्जुन खरगे को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने पार्टी की नीति और नीयत पर सवाल खड़ा कर दिया है।
खास बात ये है कि राधिका खेड़ा ने भी पार्टी को अलविदा कहने वाले बाकी कांग्रेस प्रवक्ताओं की तरह ही कांग्रेस को रामविरोधी साबित करने की कोशिश की। राधिका ने कहा है कि वो अयोध्या में राम मंदिर में श्री राम के दर्शन से खुद को रोक नहीं पाई और इसके बाद ही पार्टी के भीतर हर स्तर पर उन्हें निशाने पर लिया जाने लगा। राधिका ये बताना नहीं भूली किं वे लड़की हूं और लड़ सकती हूं और वही अब मैं कर रही हूं। पार्टी अध्यक्ष खरगे के नाम लिखे पत्र में राधिका ने पार्टी के भीतर भेदभाव के आरोप लगाए हैं।
अब एक बार जान लीजिए की आखिर राधिका खेड़ा के इस बखेड़े की पूरी इनसाइड स्टोरी है क्या ? अब तक क्या हुआ ? दरअसल, 30 अप्रैल को राधिका खेड़ा राजीव भवन में नेताओं से चर्चा कर रही थीं। PCC संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने इस पर आपत्ति जताई। राधिका खेड़ा के प्लानिंग करने पर नेताओं को फटकार तक लगाई। जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस नेताओं और राधिका खेड़ा के बीच जमकर बहस हुई।
1 मई को राधिका खेड़ा ने ट्वीट कर अपमान पर दुख जताया। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस की रीति-नीति पर उठाए सवाल। मामला सुलझाने के लिए 3 मई को राजीव भवन में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने राधिका खेड़ा से 3 घंटे घटना के बारे पूछताछ की, लेकिन सुलह की कोशिश नाकाम रही और 5 मई को राधिका खेड़ा ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।
खेड़ा का पूरा बखेड़ा जिस राजीव भवन से शुरू हुआ था, आज वहीं फिर आईबीसी24 के रिपोर्टर पहुंचे, जहां इस पूरे विवाद के मुख्य किरदार छत्तीसगढ़ के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला मौजूद थे, उनसे इस मामले पर जब हमने बात करने की कोशिश की तो उन्होंने क्या कुछ कहा सुनिए और देखिए….
राधिका खेड़ा ने इस्तीफा दे दिया है। मगर इसका मतलब ये नहीं कि खेड़ा पर बखेड़ा का अंत हो गया हो या यूं कहें कि ये तो नए बखेड़े की शुरुआत है..क्योंकि जिस पार्टी ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकरा कर बीजेपी को बड़ा मुद्दा दिया था। उस पार्टी की नेत्री ने पार्टी नेताओं पर ये कहते हुए आरोप लगाया की राम मंदिर दर्शन के कारण ही उनका विरोध हो रहा है और वहीं ये संकेत भी दिए हैं कि कहीं न कहीं वो बीजेपी की विचार धारा से प्रभावित हैं। तो अब सवाल यही है कि क्या वो भी कांग्रेस छोड़ने वाले बाकी प्रवक्ताओं की तरह ही अब बीजेपी में डेरा डालने वाली हैं ?