Dhamtari News: छत्तीसगढ़ के इस युवा किसान की बड़ी उपलब्धि… जैविक खेती से बदली तकदीर! राज्योत्सव में होगा ‘डॉ. खूबचंद बघेल’ पुरस्कार से सम्मान
धमतरी जिले के युवा किसान को पहली बार राज्य स्तरीय “डॉ. खूबचंद बघेल कृषक अलंकरण” पुरस्कार के लिए चुना गया है। सुगंधित धान की खेती और गौ आधारित जैविक नवाचारों के लिए प्रसिद्ध थनेन्द्र ने न केवल अपनी मेहनत से जिले का नाम रोशन किया, बल्कि आसपास के किसानों को भी लाभ पहुँचाया है। उनका ये योगदान छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के अवसर पर रायपुर में सम्मानित किया जाएगा।
Dhamtari News / Image Source: IBC24
- धमतरी के थनेन्द्र साहू पहली बार जिले के किसान हैं।
- थनेन्द्र साहू जिले और आसपास के किसानों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।
- उनके नवाचारों में गौ आधारित खाद, जीवामृत, नीमास्त्र आदि का उपयोग शामिल है।
Dhamtari News: धमतरी: धमतरी जिले के लिए गर्व की बात है कि पहली बार कोई धमतरी का किसान राज्य स्तरीय “डॉ. खूबचंद बघेल कृषक अलंकरण” पुरस्कार के लिए चुना गया है। ये सम्मान हथबंध गांव के युवा किसान थनेन्द्र साहू को उनकी उत्कृष्ट और नवाचारपूर्ण खेती के लिए दिया जा रहा है। ये पुरस्कार उन्हें छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के अवसर पर राज्योत्सव में राजधानी रायपुर में अलंकृत कर प्रदान किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ को धन का कटोरा भी कहा जाता है और अब यहाँ के किसान जैविक खेती के क्षेत्र में नई मिसाल कायम कर रहे हैं। इसी दिशा में युवा किसान थनेन्द्र साहू ने सुगंधित धान की खेती को अपनाया और अपनी मेहनत और नवाचार से जिले का नाम रोशन किया। थनेन्द्र साहू पिछले कई वर्षों से गौ आधारित प्राकृतिक खाद, जीवामृत, घनजीवामृत और कीटनाशक नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, आग्नेयास्त्र घर पर ही तैयार कर खेती में उपयोग कर रहे हैं। इन नवाचारों से न केवल खेती की लागत काम होती है, बल्कि पर्यावरण पर पड़ने वाला दुष्प्रभाव भी घटता है।
जिले और आसपास के किसानों को लाभ
थनेन्द्र साहू का जैविक खेती का तरीका केवल उनके खेत तक सीमित नहीं है। धमतरी के अलावा रायपुर, दुर्ग, बालोद और गरियाबंद जिले के किसान भी उनके तैयार किए गए जैविक आदानों का उपयोग कर खेती में सफलता पा रहे हैं। थनेन्द्र साहू पिछले कई वर्षों से गौ आधारित प्राकृतिक खाद, जीवामृत, घनजीवामृत और कीटनाशक नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, आग्नेयास्त्र खुद तैयार कर खेती में उपयोग कर रहे हैं। इस नवाचार से खेती की लागत घटती है और पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव भी कम होते हैं।
जैविक खेती में नए आयाम
साथ ही थनेन्द्र साहू पशुपालन और मशरूम उत्पादन के माध्यम से अतिरिक्त आय भी अर्जित कर रहे हैं। उनके जैविक उत्पादों को कृषि विभाग और अन्य माध्यमों से मेलों में स्टाल लगाकर बिक्री की जाती है। इसके अलावा राज्य और राज्य के बाहर ऑनलाइन भी धान और चावल के बीज उपलब्ध कराए जाते हैं।
औषधीय धान और फार्म स्कूल
थनेन्द्र साहू ने औषधीय धान की खेती को बढ़ावा देने के लिए फार्म स्कूल का आयोजन भी किया है जिसमें अन्य 25 किसानों को प्रशिक्षित किया गया। इस कार्य के लिए उन्हें विकासखंड, जिला और राज्य स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही थनेन्द्र साहू पशुपालन और मशरूम उत्पादन के माध्यम से अतिरिक्त आय भी अर्जित कर रहे हैं। उनके जैविक उत्पादों को कृषि विभाग और अन्य माध्यमों से मेलों में स्टाल लगाकर विक्रय किया जाता है। इसके अलावा राज्य और राज्य के बाहर ऑनलाइन भी धान और चावल के बीज उपलब्ध कराए जाते हैं।
औषधीय धान और फार्म स्कूल
थनेन्द्र साहू ने औषधीय धान की खेती को बढ़ावा देने के लिए फार्म स्कूल का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 25 अन्य किसानों को प्रशिक्षित किया गया। उनके इस प्रयास को विकासखंड, जिला और राज्य स्तर पर सराहा गया।
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