अतीत में की गई करतूत की ऐसी सजा! मौत के बाद लावारिश पड़ी रही लाश, अपनों का कंधा भी नसीब नहीं
Orthodox Tradition: अतीत में की गई करतूत की ऐसी सजा! मौत के बाद लावारिश पड़ी रही लाश, even the shoulders of loved ones were not destined
कवर्धा। Orthodox Tradition: हम भले ही कितने भी आधुनिक हो जाये पर ग्रामीण क्षेत्रो में आधुनिकता के नाम पर जागरूकता से तुलना करना बेईमानी होगी। क्योंकि आज भी पुरानी रूढ़िवादी परम्परा के कारण मानवता नजर नहीं आती। ऐसा ही मामला पांडातराई थानां अंतर्गत ग्राम परसवारा में सामने आया है, जहाँ एक व्यक्ति की मौत लंबी बीमारी के कारण हो गई थी। युवक के घर में केवल पत्नी ही है। मौत के बाद भी न तो कोई गांव वाले उसे कंधा देने आ रहे थे न समाज व ही घर वाले। ऐसे में लाश के पास महिला बिलखती हुई रात भर बैठी रही। किसी ने मामले की जनाकारी पांडातराई थाना में दी, तब पुलिस वालों ने एसपी को इसकी जनाकारी दी।
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20 साल पहले कर ली थी दूसरी शादी
Orthodox Tradition: दरअसल ग्राम परसवारा निवासी रज्जू मेरावी 20 साल पहले अपनी पत्नी को छोड़कर इंदिरा विश्वकर्मा नाम की महिला के साथ शादी कर ली थी। तब से ही समाज से बहिष्कृत कर दिया गया था, लेकिन 20 साल बाद भी समाज ने बहिष्कार खत्म नही किया। लंबी बीमारी के बाद उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि युवक की दूसरी पत्नी से कोई संन्तान नहीं है। ऐसे में उसकी मौत के बाद अंतिम क्रियाकर्म करने वाला कोई भी नहीं था।
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बहिष्कृत होने की वजह से नहीं मिला कंधें का सहारा
Orthodox Tradition: बहिष्कृत होने के कारण न तो समाज से न ही घर से कोई मदद करने सामने आया। ऐसी स्तिथी में महिला रातभर पति के शव के साथ घर के बाहर बैठी रही। मामले की सूचना किसी ने पुलिस को दी, तब पांडातराई पुलिस ने मृतक रज्जू का विधि विधान से अंतिम संस्कार करवाये। जहा सरपंच प्रतिनिधि, कोटवार व पुलिस के जवान शामिल रहे। वही पुलिस विभाग द्वारा 10 दिन बाद की जाने वाली रस्म भी पूरी करेगा।

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