Shivnath river Fish Dead: शिवनाथ नदी में लाखों मछलियों की रहस्यमई तरीके से मौत.. कुत्ते और पक्षी भी नहीं खा रहे, क्या ये है मछलियों के मौत की वजह..

जीवनदायिनी शिवनाथ नदी लगातार जहर से प्रदूषित हो रही है और गंभीर संकट से गुजर रही है। लेकिन नदी को बचाने का दावा करने वाले जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि मूकदर्शक बने हुए हैं और इस गंभीर समस्या पर कोई ठोस कार्रवाई नजर नहीं आ रही है।

Shivnath river Fish Dead: शिवनाथ नदी में लाखों मछलियों की रहस्यमई तरीके से मौत.. कुत्ते और पक्षी भी नहीं खा रहे, क्या ये है मछलियों के मौत की वजह..

Shivnath river Fish Dead || Image- IBC24 News File

Modified Date: December 28, 2025 / 01:32 pm IST
Published Date: December 28, 2025 1:30 pm IST
HIGHLIGHTS
  • शिवनाथ नदी बनी मौत की नदी
  • कुत्ते-पक्षी भी नहीं खा रहे मरी मछलियां
  • केमिकल प्रदूषण से जनजीवन संकट में

Shivnath river Fish Dead: दुर्ग: जिले की जीवनदायिनी कही जाने वाली शिवनाथ नदी इन दिनों बदहाली का शिकार हो गई है। लाखों लोगों की प्यास बुझाने वाली यह नदी अब जलीय जीवों की मौत की नदी बनती नजर आ रही है। धमधा के पास मोतीमपुर गांव के किनारे शिवनाथ नदी में लाखों मछलियां और अन्य जलीय जीव तड़प-तड़प कर मर चुके हैं, जिससे पूरे इलाके में दहशत और चिंता का माहौल है।

दुर्गंध से परेशान इलाके के लोग

हजारों-लाखों मछलियों की मौत की सूचना मिलते ही हमारी टीम मौके पर पहुंची। वहां का नजारा दिल दहला देने वाला था। नदी के पानी में मरी हुई मछलियां तैरती दिखाई दीं और पूरे क्षेत्र में तेज दुर्गंध फैली हुई थी। हालात इतने भयावह थे कि स्थानीय लोग सन्न रह गए।

कुत्ते और पक्षी भी नहीं खा रहे मृत मछलियों को

Shivnath river Fish Dead: स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत में उन्होंने आशंका जताई कि पास की एक-दो बड़ी फैक्ट्रियों से केमिकल युक्त पानी सीधे नदी में छोड़ा जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार पिछले 5 से 6 दिनों में लाखों मछलियां मर चुकी हैं। हैरानी की बात यह है कि इन मरी हुई मछलियों को न तो पक्षी खा रहे हैं और न ही कुत्ते।

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नदी किनारे खेती करने वाले किसानों ने बताया कि 2–3 दिन पहले स्थिति और भी ज्यादा भयावह थी। मछलियां पानी की सतह पर मर रही थीं और पानी व आसपास के इलाके में काफी दुर्गंध फैली हुई थी। किसानों ने भी पास की इंडस्ट्री से जहरीले रसायनयुक्त पानी छोड़े जाने की आशंका जताई है।

क्या प्रदूषण से हुई मौत?

ग्रामीणों से बातचीत के दौरान कई गंभीर सवाल सामने आए। पहला, प्रशासन का दावा है कि उन्हें इस घटना की जानकारी कल तक नहीं थी। दूसरा, ग्रामीणों का कहना है कि चेक डैम के गेट पहले कभी नहीं खुलते थे, लेकिन पिछले 2–3 दिनों से चोरी-छिपे 4–5 गेट खोलकर लाखों लीटर पानी बहाया जा रहा है, जबकि शिवनाथ नदी का जलस्तर बेहद कम है। सवाल यह है कि जब अधिकारियों को कुछ पता ही नहीं, तो आखिर यह पानी कौन बहा रहा है?

Shivnath river Fish Dead: ग्रामीणों के इशारे पर हमारी टीम नदी किनारे कई किलोमीटर आगे तक गई, जहां कई नाले मिले, जिनसे दूषित पानी शिवनाथ नदी में गिर रहा है। वहीं, गोपनीयता की शर्त पर ग्रामीणों ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया। उनका कहना है कि रात के अंधेरे में अवैध तरीके से मछली मारने वाले लोग बारूद से पानी के भीतर धमाका करते हैं या करंट लगाकर मछलियां मारते हैं, जिससे भी भारी नुकसान होता है।

फिलहाल इतना तो साफ है कि जीवनदायिनी शिवनाथ नदी लगातार जहर से प्रदूषित हो रही है और गंभीर संकट से गुजर रही है। लेकिन नदी को बचाने का दावा करने वाले जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि मूकदर्शक बने हुए हैं और इस गंभीर समस्या पर कोई ठोस कार्रवाई नजर नहीं आ रही है।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

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