Educational Kumbh organized for the first time in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में पहली बार शैक्षणिक कुंभ का आयोजन, नेशनल एजुकेशन कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि होंगे सीएम भूपेश, देश भर के कई हस्तियां होंगी शामिल

Educational Kumbh organized for the first time in Chhattisgarh

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:56 PM IST, Published Date : November 11, 2021/10:46 pm IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित पं. जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शिक्षा समागम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अतिथि होंगे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और अजय माकन होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम करेंगे। अतिथियों की गरिमामय उपस्थिति में पं. जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शिक्षा समागम 14 और 15 नवम्बर को साइंस कॉलेज मैदान रायपुर के ऑडिटोरियम में होगा। उल्लेखनीय है कि इस समागम में छत्तीसगढ़ के अलावा देश के अनेक राज्यों के शिक्षाविद् एवं नवाचारी शिक्षक शामिल होंगे, जो अपने राज्य में संचालित नवाचारी गतिविधियों से परिचित कराएंगे।

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ये मेहमान होंगे शामिल

समागम के पहले दिन मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विशिष्ट अतिथि नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, ग्लोबल अलांइस फॉर मॉस एंटरप्रेन्योरशिप के को-फाउंडर मेकिन माहेश्वरी, नेशनल लीडर एजुकेशन एंड स्किल्स के नारायण रामास्वामी शिरकत करेंगे। दूसरे दिन 15 नवम्बर को अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर इंदु प्रसाद, प्रेसिडेंट एंड चीफ एग्जीक्यूटिव सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च यामिनी अय्यर, प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की सीईओ रुक्मिणी बेनर्जी, लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन के फाउंडर डॉ. धीर जिहिनगरन और नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बिराज पटनायक व प्रो. ऋषिकेश बी. एस. एजुकेशन लॉ एण्ड पॉलिसी अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी उपस्थित होंगे।

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समागम में नवाचारी गतिविधियों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी जिसको अतिथियों के द्वारा राज्य के अलावा विभिन्न राज्यों के नई नई शैक्षिक पद्धतियों, नवाचारी गतिविधियों जो छात्रों को जल्दी सीखने और समझने में मददगार होती है, उसका अवलोकन करेंगे एवं देश के विभिन्न राज्यों से आये शिक्षाविद और शिक्षक समझकर अपने अपने राज्य के शैक्षिक गतिविधियों में शामिल कर अध्यापन कराएंगे जिससे छात्रों को नई-नई नवाचारी गतिविधियों में माध्यम से सीखने और समझने में काफी मदद मिलेगी।

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इस दो दिवसीय समागम में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से देश व राज्य के प्रमुख बुद्धिजीवी, शिक्षाविद् शामिल होंगे, जिसमें 2019 में अर्थशास्त्र विषय में नोबल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी अपने विचारों को लेकर शिरकत करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा समागम में छत्तीसगढ़ की शैक्षणिक उपलब्धि, नवाचारी प्रयास, कोरोना के समय में भी शिक्षा की निरंतरता को बनाए रखने हेतु किए गए अद्वितीय और अथक प्रयास को प्रदर्शनी, प्रस्तुतिकरण, संकलन के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। इस राष्ट्रीय शिक्षा कुंभ में देश के विभिन्न राज्यों से आए शिक्षकों को अपने विचार और नवाचारी गतिविधियों को प्रदर्शित करने का अवसर भी मिलेगा, जहाँ विभिन्न राज्यों की परंपरा, संस्कृति, भाषा, बोली का भी समागम होगा।

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कोरोनाकाल में जहाँ सांसे रुक रही थी, विश्व व देश थम गया था, वहीं छत्तीसगढ़ में चलायमान रही तो शिक्षा जैसे-पढ़ई तुंहर दुआर योजना ने संजीवनी प्रदान की और विभिन्न माध्यमों से (ऑनलाइन क्लास, मोहल्ला कक्षा, बुल्टू के बोल, पेटी वाली दीदी, छतरी वाले गुरूजी) पढ़ाई जारी रही। ‘स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल’ ने गरीब व असमर्थ पालकांे और बालकों का जीवन ही बदल दिया है, जहाँ अंग्रेजी माध्यम से उच्च स्तरीय निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही हैं।

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‘महतारी दुलार योजना’ ने कोरोनाकाल में खोए हुए अपनो के दर्द पर मरहम लगाया और शिक्षा से वंचित होने के भय के पहले ही सरकार ने उनके आंसू पोछने का काम किया है,जहां प्रतिमाह बच्चो को छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है और उनका प्रवेश किसी भी स्कूल में कराने पर शिक्षा का सभी खर्च छत्तीसगढ़ सरकार वहन कर रही है।

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इस राष्ट्रीय शिक्षा समागम का उद्देश्य शिक्षा का उन्मुखीकरण कर शिक्षकों को नए विचारों और नवाचार से जोड़ना है, साथ ही छत्तीसगढ़ में किए जा रहे शैक्षणिक कार्याे का राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन व अन्य राज्यों के शिक्षकों के नवीन विचारों को अपनाकर शैक्षणिक स्तर को उन्नत व अधिक प्रभावी बनाना है।

 
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