इन 3 जिलों में 136 घटनाएं….! इस मामले में छत्तीसगढ़ पहुंचा देश के तीसरे स्थान पर

Fierce fire broke out in 3 districts of Chhattisgarh 136 मामलों के साथ देश में पूर्वोत्तर के राज्यों की बाद छत्तीसगढ़ का नाम आ रहा है।

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  • Publish Date - March 4, 2023 / 01:13 PM IST,
    Updated On - March 4, 2023 / 01:46 PM IST

Chhattisgarh ranks third in the country in terms of forest fire

Chhattisgarh ranks third in the country in terms of forest fire: जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा, बीजापुर और बस्तर जिले में आगजनी की 136 मामलों के साथ देश में पूर्वोत्तर के राज्यों की बाद छत्तीसगढ़ का नाम आ रहा है। इसमें भी सबसे ज्यादा घटनाएं बस्तर के 3 जिलों में हो रही हैं पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग आग पर काबू पाने के लिए सशस्त्र बलों के जवान की भी मदद ले रहा है। बता दें कि 3 जिलों में 136 घटनायें हुई। इन घटनाओं को लेकर देश में तीसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ पहुँचा। सबसे ज्यादा आग बस्तर के जंगलों में लगी। आग पर काबू पाने के लिए की जा रही तमाम कोशिशों के बावजूद भी आगजनी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

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जंगलों को बचाने के लिए तैनात जवान बस्तर

छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान बस्तर के जंगलों को बचाने के लिए आगजनी के मामले पर भी निगरानी रखेंगे। पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग बस्तर में लगातार हो रही आगजनी की घटनाओं से परेशान हैं। उस पर इस साल गर्मी ने भी अपना असर जल्दी ही दिखाना शुरू कर दिया है, जिसकी वजह से लगातार घटनाओं में इजाफा हुआ है और सिर्फ फरवरी महीने में ही बस्तर में सर्वाधिक जंगल में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं।

इसी को ध्यान में रखते हुए नक्सल मोर्चे पर बड़ी संख्या में तैनात सुरक्षाकर्मियों को वन विभाग ने जंगलों में लगने वाली आग से निपटने और गश्त के दौरान उसकी सूचनाएं समय रहते वन विभाग को देने के लिए निर्देशित किया है। सशस्त्र बल के जवान आंख से होने वाले नुकसान पर भी निगरानी रखेंगे। साल 2007 से नासा की सेटेलाइट के जरिए रिमोट सेंसिंग तकनीक से जंगलों में लगने वाली आग का तुरंत पता लगाया जाता है और इसकी रिपोर्ट वन विभाग के आला अधिकारी से लेकर बीट इंचार्ज तक तुरंत पहुंचा दी जाती है, जिससे जंगलों को होने वाले नुकसान को बचाया तो जाता है। लेकिन इसके बाद भी यह घटनाएं काफी तेजी से हो रही हैं बस्तर वन वृत्त के अंतर्गत ही सुकमा बीजापुर और बस्तर जिले में आगजनी के मामले बढ़े हैं।

जंगलों में जगह जगह आग लगने की घटनाएं सामने आ रही

Chhattisgarh ranks third in the country in terms of forest fire: अधिकारियों का कहना है कि आम तौर पर गर्मी शुरू होने के साथ ही महुआ का सीजन शुरू होता है और परंपरागत तौर पर ग्रामीण जंगलों में महुआ बीनने के लिए आग लगाते हैं। यही हाल तेंदूपत्ता सीजन शुरू होने के दौरान भी होता है। जब शाख कर्तन के लिए तेंदूपत्ता ठेकेदारों के इशारे पर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आग लगा देते हैं बाद में याद भड़क कर जंगलों को बड़ा नुकसान पहुंचा देती है। अधिकारियों ने इसके लिए फाइन की व्यवस्था की है और जंगलों में ग्रामीणों पर भी निगरानी की जिम्मेदारी वन अधिकारियों को दी है।

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फिलहाल बस्तर में सबसे ज्यादा आग देने की घटनाएं बीजापुर जिले में हुई है इसके बाद सुकमा और बस्तर में भी जंगलों में जगह-जगह आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं अधिकारियों का दावा है कि इन पर जल्द ही काबू भी पाया जा रहा है।

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