शह मात The Big Debate : ‘छिन रही गरीबों की जमीन’..आरोपों का सच क्या? नक्सलियों को माफी पर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल, सरकार ने ऐसे किया पलटवार, देखें वीडियो

'छिन रही गरीबों की जमीन'..आरोपों का सच क्या? Government accused of snatching land for industrialists

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  • Publish Date - December 12, 2025 / 12:04 AM IST,
    Updated On - December 12, 2025 / 12:08 AM IST
HIGHLIGHTS
  • विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार उद्योगपतियों के लिए आदिवासियों और गरीबों की जमीन छीन रही है
  • कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने खैरागढ़-छुईखदान में सीमेंट फैक्ट्री का विरोध करने वालों पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया
  • सरकार ने आरोपों को भ्रम फैलाने वाला पब्लिसिटी स्टंट बताया, सरेंडर पॉलिसी को लेकर पारदर्शिता के दावे किए

रायपुरः CG News छत्तीसगढ़ में विपक्ष के सरकार पर गंभीर आरोप कि सरकार उद्योगपतियों के लिए आमजन की जमीनों को छीनने का काम कर रही है, जो विरोध करे इसपर बल प्रयोग करवा रही है। सरकार की नक्सलियों के सरेंडर पॉलिसी पर भी विपक्ष ने आपत्ति जताई है। इधऱ, बीजेपी ने सारे आरोपों को कांग्रेस का पब्लिसिटी स्टंट करार दिया है। सवाल ये है कि कौन सच बोल रहा है। आदिवासियों, नक्सल घटना के पीड़ितों से इंसाफ को लेकर विपक्ष के आरोपों में दम है या सरकार के तर्क में तय कीजिएगा।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने मौजूदा प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। बैज ने कहा कि पूरे प्रदेश में आदिवासी और गरीबों की जमीन को लूटने का हो रहा है। दावा किया कि खैरागढ़-छुईखदान में अपनी जमीन बचाने सीमेंट फैक्ट्री का विरोध कर वाले लोगों पर लाठीचार्ज हो रहा है। आरोप लगाया कि सरकार उद्योगपतियों को जमीन दिलवाले गरीब, आदिवासियों , ग्रामीणों को उनकी जमीन से बेदखल कर रही है। इसके अलावा बैज ने सरकार से पूछा कि क्या वो झीरम, तालमेटला जैसी बड़ी नक्सल घटनाओं में शामिल आत्मसमर्पित नक्सलियों के भी केस वापस लेगी।

CG News बैज के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए सत्तापक्ष ने दावा किया कि मुद्दाविहीन कांग्रेस केवल भ्रम फैलाकर खबरों में बने रहना चाहती हैं। जनता कांग्रेस के मूल चरित्र को समझ चुकी है। खारिज कर चुकी है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार दबाव में है, उद्योगपतियों के हित के लिए प्रदेश के गरीबों, आदिवासियों के जमीन के अधिकार छीन रही है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार की सरेंडर पॉलिसी में पारदर्शिता नहीं है। तंज कसा है कि ये तो यू टर्न वाली सरकार है। सवाल है कि विपक्ष के इन आरोपों और मुद्दों में कितनी सच्चाई है? सरकार के पास इसका क्या जवाब है?

 

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