Sharab Dukan Band: मदिरा प्रेमियों के लिए जरूरी खबर, इस दिन बंद रहेंगी शराब की सभी दुकानें, जानिए क्या है वजह

मदिरा प्रेमियों के लिए जरूरी खबर, इस दिन बंद रहेंगी शराब की सभी दुकानें, Sharab Dukan Band: Liquor shops will remain closed on Guru Ghasidas Jayanti

Sharab Dukan Band: मदिरा प्रेमियों के लिए जरूरी खबर, इस दिन बंद रहेंगी शराब की सभी दुकानें, जानिए क्या है वजह

Sharab Dukan Band. Image Source- IBC24

Modified Date: December 11, 2025 / 02:56 pm IST
Published Date: December 11, 2025 2:56 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 18 दिसंबर गुरु घासीदास जयंती पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुष्क दिवस घोषित किया जाता है।
  • इस दिन सभी देशी-विदेशी शराब दुकानें, क्लब बार और कैंटीन बंद रहती हैं।
  • गुरु घासीदास जी ने “मनखे-मनखे एक समान” का संदेश देकर समाज में समानता और मानवता का प्रचार किया।

रायपुरः Sharab Dukan Band छत्तीसगढ़ के प्रमुख समाज सुधारक और सतनामी संप्रदाय के संस्थापक गुरु घासीदास जी की जयंती हर साल 18 दिसंबर को मनाई जाती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस दिन को शुष्क दिवस घोषित किया हैराज्य आबकारी विभाग से मिले निर्देशों के बाद अब जिलों में इसे लेकर कलेक्टरों की ओर से आदेश जारी किए जा रहे हैंइस दिन समस्त देशी, विदेशी मदिरा की फुटकर दुकाने, एफ.एल.4 (क) व्यवसायिक क्लब एवं एफ.एल.7, सैनिक कैन्टीन बंद रहेंगे

कांकेर कलेक्टर ने जारी किया ये आदेश

Sharab Dukan Band कांकेर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर द्वारा गुरू घासीदास जयंती के अवसर पर आगामी 18 दिसम्बर 2025 को शुष्क दिवस घोषित किया गया हैइस दिन जिले की समस्त देशी, विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानों, एफ.एल.4 (क) व्यवसायिक क्लब एवं एफ.एल.7, सैनिक कैन्टीन को पूर्णतः बंद रखे जाने आदेशित किया गया हैकलेक्टर द्वारा शुष्क दिवस को जिले में अवैध मदिरा संग्रहण, विनिर्माण, परिवहनविक्रय पर पूर्णतः नियंत्रण रखने के लिए जिला आबकारी अधिकारी को आदेशित किया गया है

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कौन थे गुरु घासीदास

बता दें कि संत गुरु घासीदास का जन्म 18 दिसंबर 1756 को छत्तीसगढ़ के तत्कालिन रायपुर जिले में गिरौदपुरी में एक गरीब साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम महंगू दास और माता अमरौतिन थीं। तथा घासीदास जी की धर्मपत्नी का सफुरा था। उनके जीवन से कई चमत्‍कारिक घटनाएं जुड़ी हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वे बिना किसी सहारे के हवा में वस्त्र टांग कर सुखा देते थे और पानी पर चल लेते थे। उनका ‘मनखे मनखे एक समान’ एक संदेश प्रसिद्ध है तथा मानवता को लेकर महान विचारों से समाज में समरसता और समानता की अलख जगाने का श्रेय भी गुरु घासीदास जी को दिया जाता है।

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।