‘राज्यपाल को बिल हस्ताक्षर योग्य नहीं लगता तो वापस करें’ आरक्षण संशोधन विधेयक के मुद्दे पर सीएम भूपेश बघेल की दो टूक

छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है! Chhattisgarh me Laagu nahi hoga 76 pratishat Aarakshan?

‘राज्यपाल को बिल हस्ताक्षर योग्य नहीं लगता तो वापस करें’ आरक्षण संशोधन विधेयक के मुद्दे पर सीएम भूपेश बघेल की दो टूक

Lormi to Municipality and Gond Khamhi to Nagar Panchayat

Modified Date: December 27, 2022 / 12:56 pm IST
Published Date: December 27, 2022 12:56 pm IST

रायपुर: Chhattisgarh me Laagu nahi hoga 76 pratishat Aarakshan? छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। अब यह राजभवन बनाम कांग्रेस हो गया है। इसे लेकर आज आदिवासी समाज के युवा करेंगे उग्र प्रदर्शन प्रदर्शन करेंगे। अब कांग्रेस सड़क पर उतरने की तैयारी कर रही है। संभवत: प्रदेश में ऐसा पहली होगा, जब राजभवन के विरोध में सरकार प्रदर्शन करेगी। इस बीच सीएम भूपेश बघेल ने एक बार फिर राज्यपाल अनुसुइया उइके पर निशाना साधा है।

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Chhattisgarh me Laagu nahi hoga 76 pratishat Aarakshan? सीएम भूपेश बघेल ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा है कि राज्यपाल के विधिक सलाहकार कौन? विधिक सलाहकार एकात्म परिसर में बैठते हैं। भाजपा ने विधेयक पर साइन मांग नहीं की है। विधिक सलाहकार विधानसभा के बड़े हो गए है? उन्होंने आगे कहा है कि राज्यपाल भाजपा के नेताओं के दवाब में हस्ताक्षर नहीं कर रहीं हैं। राज्यपाल को बिल हस्ताक्षर योग्य नहीं लगता तो वापस करें, अनिश्चितकाल तक अपने पास रखने का बहाना नहीं ढूंढे।

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वहीं, दूसरी ओर आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर आज उग्र प्रदर्शन होने वाला है। सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रभाग आज प्रदर्शन करेंगे। वे धरना स्थल से राजभवन का घेराव करने के लिए निकलेंगे।सर्व आदिवासी समाज के युवाओं की मांग है कि राज्यपाल अनुसुईया उइके आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करें।

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राज्यपाल ने इन 10 सवालों का मांगा था जवाब

  • 1. संशोधित विधेयक में क्रमांक 18-19 पारित करने के पूर्व अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के संबंध में मात्रात्मक विवरण (डाटा) संग्रहित किया गया था? सुप्रीम कोर्ट में इंद्रा साहनी मामले के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक विशेष एवं बाध्यकारी परिस्थतियों में ही आरक्षण दिया जा सकता है। अत: उक्त विशेष बाध्यकारी परिस्थिति का विवरण क्या है?
  • 2. राज्य शासन ने हाईकोर्ट में 19 सितंबर 2022 को 8 सारणी में विवरण भेजा था, जिस पर कोर्ट ने कहा था कि ऐसा कोई विशेष प्रकरण निर्मित नहीं है, कि 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जाए। इस निर्णय के बाद ऐसी क्या विशेष परिस्थिति उत्पन्न हो गई, जिसके कारण आरक्षण की सीमा बढ़ाई गई?
  • 3. सुप्रीम कोर्ट में इंद्रा साहनी के मामले में कहा गया था कि एससी-एसटी सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए नागरिकों में आते हैं। इस संबंध में राज्य के एससी-एसटी व्यक्ति किस प्रकार पिछड़े हुए हैं?
  • 4. मंत्री परिषद में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य के आरक्षण के प्रतिशत का उल्लेख है। इन राज्यों में आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक किए जाने से पहले आयोग का गठन किया गया था। छत्तीसगढ़ में इसके लिए कौन सी कमेटी गठित की गई?
  • 5. सामान्य प्रशासन विभाग ने क्वांटिफाइबल डाटा आयोग के गठन का उल्लेख किया है, जिसकी रिपोर्ट शासन के पास है। यह रिपोर्ट राजभवन में प्रस्तुत क्यों नहीं की गई?
  • 6. सामान्य प्रशासन विभाग ने विभागीय प्रस्ताव अर्थात प्रस्तावित संशोधन के संबंध में शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग का अभिमत अपेक्षित होना लिखा है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन में शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग का क्या अभिमत है?
  • 7. विधेयक में नवीन धारा स्थापित कर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 4 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
  • 8. क्या शासन को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए संविधान के अनुच्छेद 16(6) के तहत पृथक से अधिनियम लाना चाहिए था?
  • 9. हाईकोर्ट में राज्य शासन ने बताया है कि एससी-एसटी के व्यक्ति कम संख्या में चयनित हो रहे हैं। ऐसे में यह बताएं कि एससी-एसटी राज्य की सेवाओं में क्यों चयनित नहीं हो रहे हैं?
  • 10. एसटी को 32, ओबीसी को 27, एससी को 13, इस प्रकार कुल 72 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। यह आरक्षण लागू करने से प्रशासन की दक्षता का ध्यान रखा गया और क्या इस संबंध में कोई सर्वेक्षण किया गया है?

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लेखक के बारे में

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