Women’s Success Story In Janjgir Champa : छत्तीसगढ़ की इन महिलाओं की मेहनत देखकर रह जाएंगे दंग… तीन महीने में बंजर जमीन को बना दिया सोना!

छत्तीसगढ़ की इन महिलाओं की मेहनत देखकर रह जाएंगे दंग...Women's Success Story In Janjgir Champa: You will be stunned to see the hard work

  • Reported By: Rajkumar Sahu

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  • Publish Date - February 25, 2025 / 11:55 AM IST,
    Updated On - February 25, 2025 / 11:55 AM IST

Women's Success Story In Janjgir Champa | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • महिलाओं ने बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ
  • जैविक उत्पादन कर उगाई हरी-भरी सब्जियां
  • कृषि विभाग ने महिलाओं को जैविक खेती की दिया था प्रशिक्षण

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जांजगीर-चाम्पा : Women’s Success Story In Janjgir Champa : छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चाम्पा जिले के अकलतरा में एक अनूठी पहल के तहत सम्मिलित स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बेकार पड़ी बंजर जमीन को उपजाऊ बना दिया है। उनकी मेहनत और जैविक खेती तकनीक की बदौलत अब यहां हरी-भरी सब्जियां उगाई जा रही हैं, जो न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति को सशक्त बना रही हैं बल्कि स्थानीय लोगों को भी रसायन मुक्त, ताजी और स्वास्थ्यवर्धक सब्जियां उपलब्ध करा रही हैं।

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तीन महीने में बंजर जमीन बनी हरी-भरी खेती

Women’s Success Story In Janjgir Champa : अकलतरा के जनपद पंचायत परिसर में करीब एक एकड़ भूमि वर्षों से बेकार पड़ी थी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु गुप्ता की पहल पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने इस भूमि का निरीक्षण किया और इसे जैविक खेती के लिए तैयार करने का निर्णय लिया। इसके बाद सम्मिलित महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया और जैविक खाद, ग्रीन मैन्योरिंग और पारंपरिक खेती के तरीकों के माध्यम से सब्जी उत्पादन शुरू किया गया।

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स्वास्थ्यवर्धक और जैविक सब्जियों की बढ़ती मांग

Women’s Success Story In Janjgir Champa :  महिलाओं ने यहां पालक, मेथी, धनिया, लाल भाजी, मूली, टमाटर, हरी मिर्च जैसी कई हरी सब्जियां उगाना शुरू किया, जो बिना किसी रासायनिक खाद और कीटनाशकों के तैयार की जा रही हैं। जैविक होने के कारण ये सब्जियां अकलतरा नगर और आसपास के गांवों में खूब लोकप्रिय हो रही हैं। इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए, महिला समूहों ने इसे एक व्यवसायिक पहल के रूप में आगे बढ़ाने की योजना बनाई है। इस पहल से महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता मिली है। वे अपनी मेहनत से खेती कर न केवल परिवार की आय बढ़ा रही हैं, बल्कि जैविक खेती की नई संभावनाएं भी तलाश रही हैं। यह पहल न केवल स्थानीय स्तर पर कृषि और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही है, बल्कि जैविक खेती के महत्व को भी उजागर कर रही है।

"जनपद पंचायत अकलतरा" की बंजर जमीन को कैसे उपजाऊ बनाया गया?

सम्मिलित स्व सहायता समूह की महिलाओं ने जैविक खाद और अपनी मेहनत से इस जमीन को उपजाऊ बनाकर सब्जी उत्पादन शुरू किया।

"जैविक सब्जी उत्पादन" में कौन-कौन सी फसलें उगाई जा रही हैं?

महिलाएं धनिया पत्ती, पालक भाजी, लाल भाजी, मेथी भाजी, मूली, हरी मिर्च और टमाटर की जैविक खेती कर रही हैं।

क्या "महिला स्व सहायता समूह" को खेती के लिए कोई प्रशिक्षण दिया गया?

हाँ, जनपद पंचायत और कृषि विभाग ने महिलाओं को जैविक खेती की जानकारी और प्रशिक्षण दिया।

क्या "अकलतरा की जैविक सब्जी" की बाजार में मांग है?

हाँ, अकलतरा नगर और आसपास के गांवों में जैविक सब्जी की काफी मांग है, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।

"जनपद पंचायत" ने इस परियोजना को कैसे शुरू किया?

मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु गुप्ता ने कृषि विभाग के अधिकारियों से चर्चा और निरीक्षण के बाद जैविक खेती शुरू कराने का निर्णय लिया।