Elephant Movement in CG/ image source: IBC24
Elephant Movement in CG: जशपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत टिकलीपारा क्षेत्र में 38 हाथियों का एक बड़ा दल सक्रिय रूप से विचरण कर रहा है। बताया जा रहा है कि यह दल ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले की ओर से प्रवेश कर क्षेत्र में पहुंचा है।
टिकलीपारा के सतपुरिया जंगल में सुबह से लेकर रात तक हाथियों की चिंघाड़ गूंज रही है, जिससे आसपास के गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है। हाथियों की मौजूदगी को देखते हुए वन विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए ग्रामीणों से जंगल की ओर न जाने और हाथियों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है।
छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड की अंतरराज्यीय सीमा पर स्थित तपकरा वन परिक्षेत्र जिले का सबसे अधिक हाथी प्रभावित इलाका माना जाता है। यहां वर्ष के सभी 12 महीने हाथियों की आवाजाही बनी रहती है।
घने जंगल और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध पानी के कारण यह क्षेत्र हाथियों के लिए अनुकूल है। इस वन परिक्षेत्र में 58 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 98 राजस्व ग्राम शामिल हैं, जहां लगभग हर गांव तक हाथियों की पहुंच बनी रहती है।
किसानों का कहना है कि लगातार हाथियों की मौजूदगी से खेती करना मुश्किल हो गया था। सरकारी उपायों के कारगर न होने पर अब किसान स्वयं के खर्च से गांवों और खेतों में सोलर वायर फेंसिंग लगा रहे हैं। इससे हाथियों की घुसपैठ पर रोक लगी है, फसलों की सुरक्षा हुई है और जन-धन हानि के मामलों में भी कमी आई है। तपकरा रेंज में किसानों द्वारा की गई इस पहल से फसल नुकसान में औसतन कमी दर्ज की गई है।
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