Kawardha News / Image Source: IBC24
Kawardha News: कवर्धा जिले के बोड़ला ब्लॉक को प्रशासन ने आकांक्षी विकासखंड घोषित तो कर दिया है लेकिन इस विकास के नाम पर अभी भी यहां के आदिवासी समुदाय खासकर बैगा लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। सड़क, स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाओं की कमी ने यहां के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। विकासखंड बनने के बावजूद गांवों तक सुविधाएं नहीं पहुँच पा रही हैं जिससे ग्रामीण लोग कई बार जीवन-मरण की स्थिति में फंस जाते हैं।
दरसअल कवर्धा जिले के बोड़ला ब्लॉक को आकांक्षी विकासखंड घोषित किया गया है लेकिन ये फैसला यहां के आदिवासी समुदाय के लिए एक छलावा साबित हो रहा है क्योंकि सरकारी योजनाओं और विकास के नाम पर उन्हें अब भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया है, सड़क, स्वास्थ्य सेवाओं और आपातकालीन सुविधाओं की घोर कमी के कारण ग्रामीणों को लगातार जीवन-मरण के संकट का सामना करना पड़ता है, और ये खौ़फनाक स्थिति तब और भयावह हो जाती है जब इस क्षेत्र में दुर्घटनाओं के बाद लोगों को समय पर अस्पताल भी नहीं पहुँचाया जा सकता है, ऐसी ही एक घटना हाल ही में देखने को मिली।
बोड़ला ब्लॉक के ग्राम तेंदुआडीह में हाल ही में एक बहुत ही चिंताजनक घटना हुई। 16 साल की किशोरी ओमकली खेलते समय गिर गई और उसका पैर गंभीर रूप से टूट गया। परिजन तुरंत उसे अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस बुलाने लगे लेकिन जब एम्बुलेंस गांव तक पहुँची तो देखा गया कि सड़क मार्ग बहुत बुरी स्थिति में था, जिसके कारण जलभराव और गड्ढों के कारण वाहन गांव तक नहीं पहुँच सका। मजबूर परिजन ने किसी तरह अपनी कल्पनाशक्ति और मेहनत से काम लिया। उन्होंने चारपाई का सहारा लिया और ऊपर तिरपाल डालकर किशोरी को बारिश से बचाया। चारपाई पर किशोरी को सावधानीपूर्वक लिटाकर किशोरी को एम्बुलेंस तक पहुँचाया गया। इसके बाद एम्बुलेंस की मदद से किशोरी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बोड़ला में भर्ती कराया गया। ये घटना प्रशासन की अनदेखी और वनांचल क्षेत्र की कठिनाइयों की ओर सीधे इशारा करती है।
स्थानीय लोग कहते हैं कि केवल विकासखंड घोषित करना पर्याप्त नहीं है। असली बदलाव तब होगा जब गांव वालों तक स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं समय पर पहुँचें। वनांचल क्षेत्र के लोग आज भी बिजली, पानी, सड़क और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणका कहना है कि अगर सड़कें और परिवहन सुविधाएं नहीं सुधारीं गईं तो ऐसी घटनाएं भविष्य में बार-बार होती रहेंगी। बच्चों और बुजुर्गों के लिए अस्पताल तक पहुँचना मुश्किल हो जाता है। चारपाई और तिरपाल की मदद से अस्पताल पहुँचाना आज एक चुनौती बन गई है।
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में आपातकालीन सेवाओं की कमी बहुत बड़ी समस्या है। सड़क की खराब हालत, बारिश और जलभराव जैसी वजहों से एम्बुलेंस या अन्य आपात वाहन समय पर नहीं पहुँच पाते। यही कारण है कि छोटे-छोटे हादसे भी जानलेवा बन जाते हैं।