रायपुरः Vande Bharat: बिहार में सियासी पारा हाई है जिसके असर में छत्तीसगढ़ की सियासत भी अछूती नहीं है। दरअसल कांग्रेस और बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के क्षत्रपों को भी बिहार के दंगल में उतार दिया है, जिनके लिए पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने चैलेंज बन गया है। बिहार चुनाव छत्तीसगढ़ की क्या भूमिका है जानते हैं इस खबर के जरिए…
Vande Bharat: बिहार में विधानसभा चुनाव हैं लेकिन इसकी सियासी तपिश छत्तीसगढ़ में भी महसूस की जा रही है। बिहार में डबल इंजन सरकार बनाने के लिए अब छत्तीसगढ़ बीजेपी के क्षत्रप भी ताल ठोकेंगे। उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, सांसद संतोष पांडे, बृजमोहन अग्रवाल, बीजेपी उपाध्यक्ष सरोज पांडेय, मंत्री राजेश अग्रवाल, गजेंद्र यादव और विधायक भावना बोहरा समेत कई नेताओं की बिहार चुनाव में ड्यूटी लगी है। इधर कांग्रेस ने भी पूर्व सीएम भूपेश बघेल को बिहार चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। कांग्रेस का सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है। बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में बयानबाजी भी तेज हो चुकी है।
छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रभारी नितिन नबीन बिहार की बांकीपुर सीट से उम्मीदवार है। 16 अक्टूबर को नितिन नबीन की नामांकन रैली है जिसमें छत्तीसगढ़ बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता नजर आएंगे। बीजेपी का दावा है कि बिहार में एक बार फिर NDA की सरकार बनेगी जिस पर बैज ने तंज कसा। बिहार के सियासी दंगल में NDA और महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अंतिम सहमति नहीं बन पा रही है। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं पर बिहार में टिकट बेचने के आरोप लग रहे है। भिलाई से विधायक और बिहार के सह प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर बिहार के कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन तक कर चुके है। जिस पर बीजेपी ने X पर एक पोस्टर जारी कर निशाना साधा। कांग्रेस को भ्रष्टाचार का पूरक बताया था, जिस पर PCC चीफ बैज ने भी पलटवार किया।
साफ है बिहार चुनाव में छत्तीसगढ़ के कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गज नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। सबकी साख अब दांव पर है और बिहार चुनाव के नतीजे उनका कद तय करने वाले हैं।