Due to the negligence of the bank farmers are not getting the benefit of loan waiver
Not getting the benefit of loan waiver due to the negligence of the bank: महासमुंद। बैंक के लापरवाही के कारण राज्य सरकार के ऋण माफी का लाभ किसानो को नहीं मिल पा रहा है। इस वजह से किसान कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर है। जी हां, ऐसा ही एक मामला महासमुंद जिले मे सामने आया है। जिले के ग्राम चरौदा के रहने वाले किसान रवि चक्रधारी ने वर्ष 2016 मे देना बैंक बागबाहरा से एक लाख रुपये का कृषि ऋण लिया था, पर अल्प वर्षा व अच्छी फसल नहीं हो पाने के कारण किसान अपना ऋण नहीं पटा पाया, उसके बाद देना बैंक जो बैंक आफ बडोदा बैंक में मर्ज हो गया।
वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ मे कांग्रेस की सरकार आई। सरकार ने अपने घोषणा पत्र में किसानो के ऋण माफी की घोषणा की थी और सरकार ने अपने वादे के अनुरुप किसानो का ऋण माफ भी कर दिया, लेकिन बैंक कर्मचारियों की लापरवाही के कारण चरौदा के किसान का ऋण माफ नही हुआ , बल्कि किसान से ऋण की रकम व ब्याज मिलाकर कुल 172000 रुपये जमा करा लिये गये । दरअसल, सरकार के ऋण माफी स्कीम के तहत सरकार से मिलने वाली राशि को वन टाईम सेटलमेंट के तहत जमा कर ऋण समाप्त कर देना था।
सरकार ने ऋण माफी योजना के तहत किसान रवि के खाते मे चार किस्तो मे 62500 रुपये दिये । नियमानुसार इतने पैसे के बाद किसान रवि का लोन खत्म हो जाना था ,पर बैंक कर्मचारी अपनी संस्था के हित में काम करते हुवे पीड़ित किसान से 172000 रुपये जमा कराया। इसके साथ ही सरकार से भी 62500 रुपये ले लिये। जिससे किसान को सरकार के कृषि ऋण माफी योजना का लाभ नहीं मिला पाया और वो किसान अब इंसाफ के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर है, वहीं लीड बैंक के आला अधिकारी रटा-रटाया राग अलाप रहे है।
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