Jheeram Valley incident: झीरम घाटी कांड की 12वीं बरसी पर पूर्व सीएम ने केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, भाजपा-कांग्रेस में चले बयानों के तीर

12th anniversary of jheeram Valley incident: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) पर तीखे सवाल उठाते हुए कहा कि “12 साल बीतने के बावजूद जांच पूरी नहीं हुई है। NIA ने जांच में लगातार अड़ंगा डाला है।”

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  • Publish Date - May 25, 2025 / 06:06 PM IST,
    Updated On - May 25, 2025 / 06:09 PM IST

12th anniversary of jheeram Valley incident, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • 12 साल बीतने के बावजूद जांच पूरी नहीं
  • झीरम घाटी में बने शहीद स्मारक पहुंचे दीपक बैज
  • दूध का दूध और पानी का पानी हो : राम विचार नेताम
  • पहलगाम हमले से झीरमकांड की तुलना

रायपुर: 12th anniversary of jheeram Valley incident, झीरम घाटी नक्सली हमले की 12वीं बरसी पर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) पर तीखे सवाल उठाते हुए कहा कि “12 साल बीतने के बावजूद जांच पूरी नहीं हुई है। NIA ने जांच में लगातार अड़ंगा डाला है।” उन्होंने आरोप लगाया कि “FIR में जिन लोगों का नाम था उनसे पूछताछ तक नहीं हुई, जिससे NIA की जांच की गंभीरता पर सवाल उठते हैं।”

भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी के पुराने वादों को याद दिलाते हुए कहा, “प्रधानमंत्री खुद बस्तर आए थे और कहा था कि 6 महीने में जांच पूरी होगी, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।” बघेल ने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार ने SIT का गठन किया था, लेकिन NIA कोर्ट चली गई। कोर्ट से SIT के गठन की अनुमति मिलने तक कांग्रेस सरकार चली गई।

पूर्व सीएम ने भाजपा पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि “कोल और शराब जैसे मामलों की जांच कई एजेंसियों से करवाई जा सकती है, लेकिन झीरम जैसे संवेदनशील मामले में भारत सरकार SIT के गठन से रोकती है।”

12th anniversary of jheeram Valley incident, वहीं इस मामले में भाजपा नेता ओपी चौधरी की टिप्पणी पर भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा, “अगर महंगाई बढ़ेगी तो 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी अपने आप बन जाएगी? 80 करोड़ लोगों को 5 किलो चावल में खुश रखने वाली सरकार विकास के दावे कैसे कर सकती है?”

झीरम घाटी में बने शहीद स्मारक पहुंचे दीपक बैज

इधर आज PCC चीफ दीपक बैज झीरम की बरसी पर झीरम घाटी में बने शहीद स्मारक पहुंचे, उन्होंने हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और घटना स्थल का दौरा किया। इस दौरान दीपक बैज ने कहा कि अब तक झीरम के पीड़ितों को न्याय नहीं मिला है।

दूध का दूध और पानी का पानी हो : राम विचार नेताम

इस बीच झीरम की बरसी पर मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि “हम सभी चाहते हैं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो।” उन्होंने झीरम मामले को कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति का नतीजा बताया और कांग्रेस नेताओं से पुनर्विचार की सलाह दी।

पहलगाम हमले से झीरमकांड की तुलना

भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने बयान दिया कि “भूपेश बघेल जो सबूत सामने रख रहे हैं, उससे कांग्रेस की बदनामी होगी।” इस पर कांग्रेस नेता और पूर्व संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने पलटवार करते हुए कहा कि “मोतीलाल साहू खुद घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं, पहले कांग्रेस में थे और अब भाजपा की भाषा बोल रहे हैं।” उन्होंने झीरम कांड की तुलना पहलगाम आतंकी हमले से करते हुए कहा कि “जिस तरह वहां के पीड़ितों को न्याय नहीं मिला, उसी तरह झीरम के पीड़ित भी आज तक न्याय से वंचित हैं।”

पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर द्वारा कांग्रेस की पदयात्रा पर कटाक्ष करते हुए स्केटिंग की सलाह पर उपाध्याय ने कहा, “पदयात्रा से ही सरकारें बदली हैं। यही पदयात्रा एक बार फिर भाजपा की सरकार बदल देगी।”

झीरम घाटी नक्सली हमले को लेकर एक बार फिर राज्य की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो गया है, और जांच की पारदर्शिता को लेकर कई बड़े सवाल उठ खड़े हुए हैं।

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झीरम घाटी नक्सली हमला कब और क्या हुआ था?

उत्तर: झीरम घाटी नक्सली हमला 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के झीरम घाटी क्षेत्र में हुआ था। इसमें कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर निकले कई वरिष्ठ नेता, जिनमें महेन्द्र कर्मा, नंदकुमार पटेल और अन्य शामिल थे, माओवादी हमले में मारे गए। यह हमला भारत के राजनीतिक इतिहास का एक बड़ा आतंकी हमला माना जाता है।

इस हमले की जांच अब तक क्यों पूरी नहीं हो पाई है?

उत्तर: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने जांच में लगातार अड़चनें डाली हैं। FIR में जिन लोगों के नाम थे उनसे पूछताछ तक नहीं की गई। कांग्रेस की सरकार ने SIT (विशेष जांच दल) बनाना चाहा, लेकिन NIA ने इसे कोर्ट में चुनौती दी, और अदालत से अनुमति मिलने तक कांग्रेस सरकार चली गई।

केंद्र सरकार पर क्या आरोप लगाए गए हैं?

उत्तर: भूपेश बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बस्तर दौरे में 6 महीने में जांच पूरी करने का वादा किया था, लेकिन 12 साल बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कोल और शराब मामलों में एजेंसियों को सक्रिय करती है, लेकिन झीरम जैसे संवेदनशील मामले में SIT गठन से रोकती है।

भाजपा का इस मामले पर क्या पक्ष है?

उत्तर: भाजपा नेताओं ने झीरम कांड को कांग्रेस की आंतरिक राजनीति का परिणाम बताया है। मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि “दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।” भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने भूपेश बघेल पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस खुद ही बदनामी की ओर बढ़ रही है।

क्या झीरम घाटी के पीड़ितों को न्याय मिला है?

उत्तर: कांग्रेस नेताओं और पीड़ित परिवारों का कहना है कि अब तक कोई न्याय नहीं मिला है। PCC चीफ दीपक बैज ने शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि 12 साल बाद भी पीड़ितों को न इंसाफ मिला, न सच्चाई सामने आई।