Bhilai News: बच्चों के एडमिशन रद्द होने पर भड़के अभिभावक, लगाए शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन पर मिलीभगत के आरोप, एएसपी को सौंपा ज्ञापन

Bhilai News: बच्चों के एडमिशन रद्द होने पर भड़के अभिभावक, लगाए शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन पर मिलीभगत के आरोप, एएसपी को सौंपा ज्ञापन

Bhilai News | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • 74 बच्चों के एडमिशन निरस्त
  • नोडल अधिकारियों की जांच के बाद ही हुए थे एडमिशन
  • अब उठ रहे हैं मिलीभगत और लापरवाही के सवाल

भिलाई: Bhilai News आरटीई के तहत भिलाई के 10 सीबीएसई स्कूलों में दो साल से पढ़ रहे 74 बच्चों के एडमिशन निरस्त कर दिए गए हैं। शिक्षा विभाग ने इसका फरमान भी जारी कर दिया है। विभाग इसकी दो वजह वजह बता रहा है।

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Bhilai News पहली यह कि आरटीई पोर्टल हैक कर बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाया गया था। हैकिंग का आरोप भी परिजन पर लगाया गया। दूसरी वजह फर्जी दस्तावेज जमा करना बताई गई। सभी छात्रों को स्कूल से निकालने का फरमान शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि दस्तावेजों की जांच की जिम्मेदारी 9 नोडल के जिम्मे थी।

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ये नोडल अधिकारी सरकारी स्कूलों के प्राचार्य हैं या तो प्रभारी प्राचार्य हैं। उन्हीं की जांच के बाद बच्चों को स्कूलों में एडमिशन दिया गया था। उन्हीं की लापरवाही से बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है। अब पैरेट्स सवाल यह उठा रहे हैं कि दस्तावेज जब फर्जी थे, तो नोडल अधिकारियों ने दो साल पहले उन्हें सही क्यों बताया था?

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वहीं उनके बच्चों को स्कूल के बाहर कर डोनेशन लेकर एडमिशन देने के लिए स्कूल प्रबंधन और नोडल अधिकारियों की मिलीभगत से तो ऐसा नहीं किया गया? इधऱ् इन सब सवालों के बीच आज पैरेंट्स पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे, जहां उन्होने एएसपी को ज्ञापन देकर हैकिंग के आरोप की साइबर सेल से जांच कराने की मांग रखी। पैरेट्स का कहना था कि अगर साइट हैक हुई है तो विभाग को सीधे पुलिस के पास आकर कंप्लेन करनी चाहिए थी और जांच करानी थी ताकि सच्चाई सामने आती, लेकिन विभाग ने यहां बच्चों को ही सीधे स्कूल से निकाल दिया।

RTE पोर्टल हैकिंग का मामला क्या है और इसमें बच्चों का एडमिशन कैसे रद्द किया गया?

RTE पोर्टल हैकिंग का मामला तब सामने आया जब शिक्षा विभाग ने जांच में पाया कि पोर्टल के जरिए कुछ एडमिशन अनियमित रूप से हुए हैं। इसके आधार पर 74 बच्चों के एडमिशन रद्द कर दिए गए।

RTE पोर्टल एडमिशन प्रक्रिया में नोडल अधिकारियों की क्या भूमिका होती है?

RTE पोर्टल पर दाखिला लेने से पहले बच्चों के दस्तावेजों की जांच नोडल अधिकारियों द्वारा की जाती है, जो सरकारी स्कूलों के प्राचार्य या प्रभारी प्राचार्य होते हैं। जांच के बाद ही एडमिशन को मंजूरी मिलती है।

RTE पोर्टल हैकिंग की पुष्टि किसने की और इसकी जांच कौन करेगा?

शिक्षा विभाग ने हैकिंग का आरोप लगाया, लेकिन परिजनों का कहना है कि बिना साइबर जांच के बच्चों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने साइबर सेल से जांच की मांग की है।