PM Modi Tweet on Bastar: पीएम मोदी ने बताया बस्तर में कैसे हो रहा विकास, सोशल मीडिया पर शेयर किया सीएम साय का लेख, देखें आप भी…

PM Modi Tweet on Bastar: पीएम मोदी ने बताया बस्तर में कैसे हो रहा विकास, सोशल मीडिया पर शेयर किया सीएम साय का लेख, देखें आप भी...

  •  
  • Publish Date - May 27, 2025 / 06:25 PM IST,
    Updated On - May 27, 2025 / 06:25 PM IST
PM Modi Tweet on Bastar

PM Modi Tweet on Bastar | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • पीएम मोदी ने शेयर किया सीएम विष्णु देव साय का लेख
  • लेख में बस्तर की उग्रवाद से विकास तक की यात्रा का जिक्र
  • पीएमओ ने कहा – यह जन-केंद्रित शासन की ताकत को दिखाता है

रायपुर: PM Modi Tweet on Bastar छत्तीसगढ़ की राजनीति और विकास को लेकर आज पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है। जिसमें पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का एक लेख पोस्ट किया है। इस लेख में मुख्यमंत्री ने बस्तर की उग्रवाद से विकास और एकीकरण तक की यात्रा को बेहद साफ और संवेदनशील तरीके से पेश किया है।

Read More: Raigarh Murder Case Revealed: रायगढ़ छाल हत्याकांड का खुलासा.. पति ने दोस्त के साथ मिलकर की थी बीवी-बच्चों की हत्या, जानें वजह..

PM Modi Tweet on Bastar प्रधानमंत्री कार्यालय ने सीएमओ छत्तीसगढ़ के एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि “बस्तर की उग्रवाद से एकीकरण तक की यात्रा जन-केंद्रित शासन की शक्ति को दर्शाती है। मुख्यमंत्री @vishnudsai ने बताया कि कैसे आदिवासी कल्याण, सुरक्षा और विकास छत्तीसगढ़ के लिए एक नया अध्याय लिख रहे हैं।

Read More: Bhilai Car Accident: तेज रफ्तार का कहर! बेकाबू कार ने उड़ाए पान ठेला और समोसे की दुकानें, युवक-युवती फरार

आपको बता दें कि सीएमओ छत्तीसगढ़ ने इस लेख में बताया कि कैसे सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों में सुरक्षा और विश्वास का माहौल बनाया, विकास की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुँचाया, और स्थानीय लोगों की भागीदारी से नक्सल प्रभावित इलाकों को मुख्यधारा से जोड़ा।

पीएम मोदी ने "विष्णु देव साय लेख" क्यों शेयर किया?

प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री साय का लेख इसलिए साझा किया क्योंकि उसमें बस्तर के विकास और एकीकरण की सफलता को जन-केंद्रित शासन के उदाहरण के रूप में पेश किया गया है।

"बस्तर विकास मॉडल" क्या है?

यह एक रणनीति है जिसमें आदिवासी कल्याण, सुरक्षा और बुनियादी विकास को साथ जोड़कर नक्सल प्रभावित इलाकों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया गया है।

क्या "छत्तीसगढ़ में उग्रवाद खत्म हो गया है"?

पूरी तरह नहीं, लेकिन सरकारी प्रयासों और आदिवासी भागीदारी से बस्तर और आसपास के क्षेत्रों में शांति और विकास का माहौल तेज़ी से बन रहा है।