Raipur Tomar Brothers Case: तोमर भाइयों के मामले में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, फरार चल रहे दो आरोपियों को किया गिरफ्तार
Raipur Tomar Brothers Case: पुलिस ने वीरेंद्र, रोहित तोमर के घर में दबिश देकर अवैध रूप से संचालित फाइनेंस कंपनी का भंडाफोड़ किया है।
Uttar Pradesh News/ Image Credit: IBC24 File Photo
- तोमर बंधू केस में पुलिस को मिली बड़ी सफलता।
- पुलिस ने अवैध रूप से संचालित फाइनेंस कंपनी का भंडाफोड़ किया है।
- रायपुर पुलिस ने वसूली मैनेजर तथा एक अन्य को गिरफ्तार है।
रायपुर: Raipur Tomar Brothers Case: सूदखोरी की आड़ में जबरदस्ती अवैध वसूली करने वाले तोमर भाइयों के रोज नए काले कारनामों का खुलासा हो रहे है। पुलिस ने वीरेंद्र, रोहित तोमर के घर में दबिश देकर अवैध रूप से संचालित फाइनेंस कंपनी का भंडाफोड़ किया है। साथ ही पुलिस ने फाइनेंस कंपनी के वसूली मैनेजर तथा एक अन्य को गिरफ्तार किया है। फाइनेंस कंपनी की आड़ में सूदखोरी की दुकान चलाने के आरोप में विस्टो फाइनेंस कंपनी के वसूली मैनेजर बंटी सहारे तथा वीरेन्द्र तोमर के सहयोगी जितेंद्र देवांगन उर्फ मोनू को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने दो फरार लोगों को किया गिरफ्तार
Raipur Tomar Brothers Case: पुलिस के अनुसार दोनों आरोपी तोमर भाइयों के लेन-देन का लेखा-जोखा अपने पास रखते थे। साथ ही जिन लोगों से हर महीने सूद की रकम वसूली करनी होती थी, उसकी जानकारी तोमर बंधु गुर्गों तक पहुंचाते थे। तोमर भाइयों के फरार होने के बाद दोनों आरोपी भी फरार हो गए थे। इसी दौरान पुलिस को तोमर भाइयों द्वारा संचालित अवैध फाइनेंस कंपनी के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस ने फाइनेंस कंपनी के बारे में जानकारी जुटाकर बंटी तथा जितेंद्र की पतासाजी कर उन्हें गिरफ्तार किया।
सीधा कर्जा देने से बचते थे तोमर बंधू
Raipur Tomar Brothers Case: पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक तोमर भाई लोगों को सीधे कर्ज देने से बचने तथा अपनी छवि सुधारने के लिए फाइनेंस कंपनी की आड़ में सूदखोरी का काम करने लगे थे। फाइनेंस कंपनी की आड़ में सूदखोरी करने से कोई इन पर वसूली करने का आरोप नहीं लगा सकता था। फायनेंस कंपनी के जरिये लोगों को कर्ज देने से पहले बंधक के तौर पर उनसे प्रॉपर्टी तथा सोने-चांदी के जेवर अपने पास गिरवी रख लते थे फायनेंस कंपनी के मैनेजर बंटी तथा जितेंद्र से पुलिस को लेन-देन से जुड़े करोड़ों रुपए के दस्तावेज के तीन से चार रजिस्टर मिले हैं। रजिस्टर की पड़ताल करने के बाद पुलिस ने लेन-देन का वास्तविक आंकड़ा बता पाने की बात कही फाइनेंस कंपनी में और कौन लोग काम कर रहे थे। गिरफ्तार दोनों आरोपियों से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने अन्य लोगों को गिरफ्तार करने की बात पुलिस कर रही है। फिलहाल तोमर बंधु पुलिस गिरफ्त से फरार है।

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