रायपुरः नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने रोहिंग्या मुलमानों को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के आरोपों का समर्थन किया है। अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था प्रदेश में अशांति के लिए रोहिंग्या जिम्मेदार हैं। इस पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेर लिया। सवाल है कि छत्तीसगढ़ में कितने रोहिंग्या हैं? क्या किसी के पास इसका कोई आंकड़ा है या बिना किसी आधार के आरोप-प्रत्यारोप हो रहा है। लेकिन यदि आरोपों में जरा सी भी सच्चाई है तो ये वाकई अलार्मिंग स्थिति है।
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ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के दावे के बाद छत्तीसगढ़ में एक बार फिर शरणार्थियों का मुद्दा गर्मा गया है। शंकराचार्य ने आरोप लगाया कि सूबे में मजहबी बखेड़ों के लिए रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान जिम्मेदार हैं। शंकराचार्य के इस आरोप पर जुबानी जंग छिड़ गई है। भाजपा के पास भले ही शरणार्थियों का कोई आंकड़ा नहीं लेकिन वो भी इस आरोप से सहमत है। वहीं कांग्रेस इसे सिरे से खारिज कर रही है।
दरअसल, देश के बंटवारे के बाद विस्थापितों को संयुक्त मध्यप्रदेश में भी बसाया गया था। पखांजूर के 295 में से 133 गांव बांग्लादेशी शरणार्थियों के लिए बसाए गए थे। इसी तरह रायपुर के माना कैंप, सरगुजा और रायगढ़ में भी शरणार्थी आकर बसते गए। धीरे-धीरे ये तबका बड़ा वोट बैंक बन चुका है। आरोप है कि राजनीतिक शह की वजह से घुसपैठ अब भी जारी है, हालांकि आरोप लगाने वालों के पास इसका कोई ठोस आधार नहीं है। ऐसे में ये सवाल तो बनता है कि अपराधों के लिए रोहिंग्या और बांग्लादेशी जिम्मेदार हैं या उनके नाम पर सिर्फ सियासी रोटियां सेंकी जा रही हैं।