11 black spots identified to control road accidents
11 black spots identified to control road accidents: रायगढ़। जिले में लगातार बढ़ते सड़क हादसों के बाद आखिरकार जिला प्रशासन हरकत में आया है। लीड एजेंसी सड़क सुरक्षा छत्तीसगढ ने जिले की सडकों का निरीक्षण कर प्रशासन को दुर्घटनाजन्य क्षेत्रों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन ने इस दिशा में काम करना भी शुरु कर दिया है। पहले चरण में जिले में 11 ऐसे ब्लैक स्पाट्स का चिन्हांकन किया गया है जहां सबसे ज्यादा सडक दुर्घटनाएं और मौतें हुई हैं। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इन ब्लैक स्पाट्स की तकनीकी खामियों को दूर करने की दिशा में काम शुरु होगा।
दरअसल, रायगढ जिले में पिछले कुछ सालों से सड़क हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। जिले में न सिर्फ सडक हादसों की संख्या बढ़ी है, बल्कि हादसों में मौत के आंकड़े भी चिंताजनक हैं। इस साल सडक सुरक्षा समिति ने जो रिपोर्ट दी है उसके मुताबिक, जिले में 552 सड़क हादसों में 280 मौतें दर्ज की गई हैं। रिपोर्ट में कुछ इलाकों में एक्सीडेंट अधिक होने की बात भी कही गई थी। रिपोर्ट सामने आऩे के बाद अब जिला प्रशासन दुर्घटनाजन्य क्षेत्रों की पहचान कर हादसों के कारणों की एनालिसिस कर इसे दूर करने की तैयारी में है।
हाल ही में लीड एजेंसी सड़क सुरक्षा छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष व एआईजी संजय शर्मा ने जिले की सडकों का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होने जिला प्रशासन को ब्लैक स्पाट्स का चिन्हांकन करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद पुलिस विभाग ने पहले चरण में 11 ऐसे ब्लैक स्पाट्स आइडेंटिफाई किये गए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा हादसे दर्ज किये गए हैं। इसमें मिट्टुमुड़ा, बाइपास चौक, उर्दना तिराहा, ढिमरापुर चौक, सिसरिंगा घाटी, पूंजीपथरा तमनार तिराहा, गेरवानी पुल जैसे इलाके शामिल हैं।
अधिकारियों का कहना है कि इन इलाकों में हादसों के कारणों की जांच पीडब्लूडी के अधिकारी करेंगे। तकनीकी टीम के निर्देश पर खामियों को दूर किया जाएगा। इतना ही नहीं अधिक हादसे वाली जगहों में संकेतक बोर्ड लगाने के साथ साथ स्पीड ब्रेकर भी बनाए जाएंगे। लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरुक करने न सिर्फ अभियान चलाया जाएगा, बल्कि पुलिस के द्वारा नियम तोडने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इससे सडक हादसों में काफी हद तक कमी आएगी। IBC24 से अविनाश पाठक की रिपोर्ट