Raipur Education Department News: पैरेंट्स ध्यान दें.. प्राइवेट स्कूलों में बैन हुई इन पब्लिशर्स की किताबें, DEO दफ्तर ने जारी किया आदेश

पिछले कुछ समय से शिकायत मिल रही थी कि, कुछ प्राइवेट स्कूल अपने यहाँ यूनिफॉर्म से जुड़े जूते ,मोज़े, टाई, बेल्ट आदि की बिक्री कर रहे है लिहाजा जिला शिक्षाधिकारी ने इस पर भी सख्ती दिखाते हुए स्कूलों में इन सामानों की बिक्री पर रोक लगा दी है।

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  • Publish Date - June 28, 2025 / 10:06 AM IST,
    Updated On - June 28, 2025 / 12:04 PM IST

Private Publishers Books Banned in Raipur Private Schools || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों पर रोक
  • छत्तीसगढ़ बोर्ड को पाठ्य पुस्तक निगम की किताबें अनिवार्य
  • स्कूलों में यूनिफॉर्म सामान की बिक्री पर बैन

Private Publishers Books Banned in Raipur Private Schools: रायपुर: राजधानी रायपुर के जिला शिक्षाधिकारी ने एक अहम आदेश जारी करते हुए बताया है कि, अब जिले के निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकों से पढ़ाई नहीं कराई जाएगी। ऐसी किताबों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। निजी स्कूल सिर्फ NCERT की किताबों से ही अध्ययन करा सकेंगे।

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इसके अलावा आदेश के अनुसार छत्तीसगढ़ बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों को पाठ्य पुस्तक निगम की किताबें पढ़ानी होगी जबकि CBSE बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों को केवल NCERT की किताबों से पढ़ाई को अनिवार्य कर दिया गया है।

Private Publishers Books Banned in Raipur Private Schools: इसी तरह पिछले कुछ समय से शिकायत मिल रही थी कि, कुछ प्राइवेट स्कूल अपने यहाँ यूनिफॉर्म से जुड़े जूते ,मोज़े, टाई, बेल्ट आदि की बिक्री कर रहे है लिहाजा जिला शिक्षाधिकारी ने इस पर भी सख्ती दिखाते हुए स्कूलों में इन सामानों की बिक्री पर रोक लगा दी है। देखें आदेश के साथ IBC24 की Exclusive खबर

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निजी विद्यालय हेतु नियम एवं शर्ते

  • जिस बोर्ड से संस्था को मान्यता प्राप्त है उसे बोर्ड का नाम मुख्य द्वार पर लगाना / प्रदर्शित करना अनिवार्य है।
  • जिस बोर्ड से मान्यता प्राप्त है उसी बोर्ड से संबंधित पाठ्यपुस्तक का पठन-पाठन अनिवार्य है।
  • यदि छत्तीसगढ़ बोर्ड से मान्यता प्राप्त है तो छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निर्धारित पाठ्यपुस्तक ही अपने संस्था में लागू करेंगे, इसके अतिरिक्त किसी अन्य निजी प्रकाशक का पाठ्य पुस्तक नहीं चलाना है और ना ही पालक को क्रय करने के लिए बाध्य करना है।
  • यदि C.B.S.E /I.C.SE. बोर्ड से संस्था को मान्यता प्राप्त है तो NCERT द्वारा निर्धारित पाठ्य पुस्तक ही अपने संस्था में लागू करेंगे इसके अतिरिक्त किसी अन्य निजी प्रकाशक का पाठ्य पुस्तक नहीं चलाना है और ना ही पालक को क्रय करने के लिए बाध्य करना है।
  • सत्र के अंत में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा आयोजित केंद्रीकृत परीक्षा में सम्मिलित होना अनिवार्य है।
  • विद्यार्थियों को संस्था में बेल्ट, टाई, बैग, यूनिफॉर्म, जूता, नोटबुक एवं अन्य सामग्री की बिक्री नहीं करना है और ना ही किसी दुकान विशेष से क्रय करने के लिए पालक को बाध्य करना है।
  • जिस संस्था द्वारा वाहन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है वहां न लाभ न हानी के सिद्धांत का पालन करते हुए वहां का संचालन करेंगे।
  • शिक्षा सत्र के आरंभ में प्रत्येक निजी विद्यालय अपने नोडल प्राचार्य के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगे कि बिंदु क्रमांक 1 से 7 तक का पालन हमारे संस्था द्वारा किया जा रहा है।
  • उपरोक्त नियम शर्तों का पालन न करने वाले एवं किसी प्रकार का शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित निजी विद्यालय के प्रति शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जावेगी।

❓ प्रश्न 1: क्या अब निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें चलेंगी?

उत्तर: नहीं, रायपुर के निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें प्रतिबंधित कर दी गई हैं। केवल NCERT या संबंधित बोर्ड की पुस्तकों से ही पढ़ाई कराई जा सकती है।

❓ प्रश्न 2: क्या स्कूल यूनिफॉर्म से जुड़ी वस्तुएँ बेच सकते हैं?

उत्तर: नहीं, स्कूल परिसर में जूते, बेल्ट, टाई, बैग, यूनिफॉर्म आदि की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। साथ ही पालकों को किसी विशेष दुकान से सामान खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

❓ प्रश्न 3: यदि कोई स्कूल नियमों का पालन नहीं करता है तो क्या होगा?

उत्तर: नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही शिकायत मिलने पर कड़ी जांच और दंड का प्रावधान है।

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