CG Naxal Surrender: नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ का सपना साकार, 10 माओवादी कैडरों ने किया आत्मसमर्पण, सीएम साय ने कहा- सम्मान, सुरक्षा और आजीविका की गारंटी

CG Naxal Surrender: नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ का सपना साकार, 10 माओवादी कैडरों ने किया आत्मसमर्पण, सीएम साय ने कहा- सम्मान, सुरक्षा और आजीविका की गारंटी

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  • Publish Date - December 12, 2025 / 07:06 PM IST,
    Updated On - December 12, 2025 / 07:06 PM IST

CG Naxal Surrender/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • बस्तर में ऐतिहासिक बदलाव
  • 10 माओवादी कैडर आत्मसमर्पण
  • 33 लाख के इनामी भी शामिल

रायपुर:  CG Naxal Surrender: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने X अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा कि बस्तर में नक्सलवाद से मुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प तेजी से साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में बस्तर में ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिल रहा है।

बस्तर में ऐतिहासिक बदलाव (Bastar Naxal surrender)

CG Naxal Surrender: आज सुकमा जिले में आयोजित पुनर्वास कार्यक्रम पूना मारगेम- पुनर्वास से पुनर्जीवन के तहत दरबा डिवीजन कमेटी सहित विभिन्न नक्सली संगठनों के 10 माओवादी कैडर ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी की। इनमें 6 महिला माओवादी भी शामिल हैं, जिन पर कुल 33 लाख का इनाम घोषित था।

10 माओवादी कैडर आत्मसमर्पण (Vishnu Deo Sai statement)

CG Naxal Surrender: मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हिंसा के रास्ते में न वर्तमान सुरक्षित है और न ही भविष्य। छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष पुनर्वास नीति आत्मसमर्पण करने वालों को सम्मान, सुरक्षा, आजीविका और समाज में पुनर्स्थापना की गारंटी देती है। मुख्यधारा में लौटकर ये लोग अपने परिवारों के साथ स्थायी, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन की नई शुरुआत कर सकते हैं।

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बस्तर नक्सलवाद से मुक्त छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में कितने माओवादी ने आत्मसमर्पण किया?

सुकमा जिले में आयोजित कार्यक्रम में 10 माओवादी कैडर, जिनमें 6 महिलाएं शामिल थीं, ने आत्मसमर्पण किया।

आत्मसमर्पण करने वालों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की नीति क्या है?

छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष पुनर्वास नीति आत्मसमर्पण करने वालों को सम्मान, सुरक्षा, आजीविका और समाज में पुनर्स्थापना की गारंटी देती है।

बस्तर में आत्मसमर्पण का उद्देश्य क्या है?

मुख्यमंत्री के अनुसार इसका उद्देश्य नक्सलवाद से मुक्त छत्तीसगढ़ बनाना और मुख्यधारा में लौटकर लोगों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन देना है।