CG Cashless Treatment News || Image- IBC24 News file
Chhattisgarh Cashless Treatment News: रायपुर: आईएमए यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के द्वारा छत्तीसगढ़ में एक सितम्बर से कैशलेश इलाज सेवाओं को बंद किये जाने के ऐलान के बाद सरकार हरकत में आ गई है।
इस बारें में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया है कि, आयुष्मान कार्ड से हुए इलाजों का भुगतान एक सितम्बर से पहले ही निजी अस्पतालों को कर दिया जाएगा। एक सितम्बर का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। हेल्थ मिनिस्टर ने कहा है कि अस्पतालों को जुलाई तक का भुगतान कर दिया जाएगा।
इसे अलग प्रदशभर में जारी एनएचएम यानि नेशनल हेल्थ मिशन कार्यकर्ताओं के हड़ताल पर विभागीय मंत्री ने कहा कि, एनएचएम कर्मचारियों को अपनी हड़ताल वापस ले लेनी चाहिए। हमने उनकी पांच मानगो को पूरा कर दिया है। शेष मांगों का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है।
हेल्थ मिनिस्टर ने छत्तीसगढ़ में सप्प्लाई हो रहे अमानक दवाईयों के मामले में कहा कि, अमानक दवाईयों को वापस लिया जा रहा है। इसके लिए दोषी सप्लायरों को ब्लैक लिस्टेड भी किया जाएगा। मरीजों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
निजी अस्पतालों के बकाये राशि का भुगतान नहीं होने से इंडियन मेडिकल एशोशिएशन के द्वारा छत्तीसगढ़ में एक सितम्बर से कैशलेश इलाज सेवाओं को बंद किये जाने के ऐलान के बाद अब मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है। पीसीसी के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य विभाग भगवान भरोसे चल रहा है। आज 16 हजार से ज्यादा एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर है। छत्तीसगढ़ प्रदेश की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री को कोई चिंता नहीं है। वही मुख्यमंत्री विदेश दौरे पर हैं। शुक्ला ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में अराजकता की स्थिति है।
गौरतलब है कि, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने ऐलान किया था कि, अगले महीने की शुरुआत यानी एक सितम्बर से प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों में आयुषमान कार्ड से कैशलेश इलाज की सुविधा बंद कर दी जाएगी।
एसोसिएशन ने बताया था कि, यह फैसला लंबे समय से अस्पतालों को योजना के तहत किए गए इलाज का भुगतान नहीं मिलने के कारण लिया गया है। करीब छह महीने से अस्पतालों को आयुषमान के तहत किये गए इलाज के खर्च का भुगतान नहीं किया गया है। इसकी वजह से अब प्राइवेट अस्पतालों ने कैशलेश इलाज सेवा जारी रखने में असमर्थता जताई थी।