Publish Date - May 29, 2025 / 01:28 PM IST,
Updated On - May 29, 2025 / 01:32 PM IST
Chhattisgarh Coal Levy Scam | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
कोयला लेवी घोटाले में रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत....
सुप्रीम कोर्ट ने सख्त शर्तों के साथ दी अंतरिम जमानत...
गवाहों को प्रभावित करके की आशंका के चलते छत्तीसगढ़ में रहने पर लगाई पाबंदी...
रायपुर: Chhattisgarh Coal Levy Scam: कोयला लेवी घोटाले में फंसे छत्तीसगढ़ के निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और पूर्व सीएमओ सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने तीनों को सख्त शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी है।
Chhattisgarh Coal Levy Scam: जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने यह निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट किया कि इन आरोपियों के गवाहों को प्रभावित करने की आशंका को देखते हुए उन्हें फिलहाल छत्तीसगढ़ में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि अंतरिम जमानत के दौरान आरोपी राज्य से बाहर ही रहेंगे और न्यायालय द्वारा निर्धारित अन्य सभी शर्तों का पालन करना होगा।
Chhattisgarh Coal Levy Scam: हालांकि ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज कई मामलों में इन आरोपियों को जेल में ही रहना होगा जब तक कि संबंधित मामलों में भी उन्हें कानूनी राहत नहीं मिल जाती। यह अंतरिम जमानत केवल कोयला लेवी घोटाले तक ही सीमित है।
"कोयला लेवी घोटाला" छत्तीसगढ़ में कथित रूप से कोयला परिवहन और खनन से जुड़े भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें आरोप है कि लेवी (कर) के नाम पर अवैध वसूली की गई।
कोयला लेवी घोटाले में कौन-कौन फंसे हैं?
इस घोटाले में निलंबित IAS रानू साहू, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और पूर्व सीएमओ सौम्या चौरसिया समेत कई अन्य लोग आरोपी हैं।
क्या कोयला लेवी घोटाले में सभी आरोपियों को जमानत मिल गई है?
नहीं, सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम जमानत सिर्फ ED द्वारा दर्ज मामलों के लिए है। EOW के मामलों में अभी आरोपी जेल में रहेंगे।
क्या अंतरिम जमानत का मतलब आरोपियों को पूरी तरह रिहा कर दिया गया है?
नहीं, "कोयला लेवी घोटाला" में अंतरिम जमानत का मतलब केवल अस्थायी राहत है। अंतिम निर्णय कोर्ट की आगामी सुनवाई पर निर्भर करेगा।
क्या आरोपी छत्तीसगढ़ वापस जा सकते हैं?
फिलहाल नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने "कोयला लेवी घोटाला" में यह स्पष्ट किया है कि आरोपी फिलहाल छत्तीसगढ़ नहीं जा सकते ताकि गवाहों को प्रभावित न किया जा सके।