Reported By: Saurabh Singh Parihar
,Ramgopal Agrawal/Image Source: IBC24
रायपुर : Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार में हुए शराब घोटाले मामले की जांच तेज हो गई है। एक के बाद एक कार्रवाई हो रही है लेकिन पिछले तीन साल से कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल गायब हैं जो शराब और नान घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। Ramgopal Agrawal
Ramgopal Agrawal पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ दिख रहे यह शख्स रामगोपाल अग्रवाल हैं जो लगभग पिछले एक दशक से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पद पर काबिज हैं। जब भूपेश बघेल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष थे तब भी रामगोपाल अग्रवाल कोषाध्यक्ष रहे। वर्ष 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने, तो रामगोपाल अग्रवाल का कद और बढ़ गया। कांग्रेस संगठन में कोषाध्यक्ष पद पर बने रहते हुए भूपेश बघेल ने इन्हें नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष भी नियुक्त किया। इन्हीं के कार्यकाल में राइस मिलरों को फायदा पहुँचाने के लिए कस्टम मिलिंग के लिए प्रोत्साहन राशि 40 से बढ़ाकर 120 कर दी गई। ईडी की जांच में यह सामने आया कि इस प्रोत्साहन राशि के बदले कमीशन भी लिया गया। वहीं शराब घोटाले का पैसा भी कोषाध्यक्ष होने के नाते रामगोपाल अग्रवाल के पास पहुँचा।
Chhattisgarh News: इन दोनों मामलों में ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए रामगोपाल अग्रवाल तीन साल से गायब हैं। प्रदेश कांग्रेस भी बिना कोषाध्यक्ष के ही काम चला रही है। कोषाध्यक्ष से संबंधित सभी आर्थिक अधिकार और दस्तावेज बैंकों से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और महामंत्री मलकीत सिंह गेंदू ने अपने पास ले लिए हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल संगठन पर यह उठता है कि तीन साल से गायब रामगोपाल अग्रवाल के स्थान पर किसी अन्य को कोषाध्यक्ष क्यों नहीं बनाया गया। इस मामले पर अब राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई है। कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम ने इस मामले पर कहा कि रामगोपाल को कांग्रेस वाले अंडरग्राउंड करके रखे हैं। रामगोपाल अग्रवाल के पास सभी राज़ हैं। बाहर आएंगे तो सारी चीज़ें कबूल लेंगे। आज तकनीक है अंडरग्राउंड को भी डिटेक्ट कर लेंगे। चोर-चोर मौसेरे भाई ये सब मिलकर पैसे डकार गए।
Ramgopal Agrawal संभवतः छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी देश का पहला ऐसा संगठन है जहाँ बिना कोषाध्यक्ष के पार्टी की सभी आर्थिक गतिविधियाँ संचालित हो रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्यों नए कोषाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की जा रही। क्या भूपेश बघेल के रामगोपाल अग्रवाल के प्रति विशेष स्नेह के चलते प्रदेश नेतृत्व निर्णय लेने में असमर्थ है। अब देखने वाली बात यह होगी कि जब रामगोपाल अग्रवाल पकड़े जाएंगे, तो कौन-कौन से राज़ बाहर आएंगे जिससे स्वयं के साथ-साथ कांग्रेस के कई बड़े नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।