Chhattisgarh News: 10,463 स्कूलों का होगा युक्तियुक्तकरण! छत्तीसगढ़ में शिक्षा सुधार की दिशा में CM साय का बड़ा कदम, अब पढ़ाई बनेगी और प्रभावशाली

10,463 स्कूलों का होगा युक्तियुक्तकरण...Chhattisgarh News: 10,463 schools will be rationalized! CM Sai's big step towards education reform

  •  
  • Publish Date - May 27, 2025 / 05:41 PM IST,
    Updated On - May 27, 2025 / 05:41 PM IST

Chhattisgarh News | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में बड़ा कदम,
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप 10,463 शालाओं का युक्तियुक्तकरण,
  • युक्तियुक्तकरण से शिक्षा होगी बेहतर, समावेशी और प्रभावशाली- सीएम विष्णुदेव साय

रायपुर: Chhattisgarh News:  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से एक बड़ा फैसला लिया है। शिक्षा विभाग ने राज्य में कुल 10,463 शालाओं के युक्तियुक्तकरण का आदेश जारी किया है जिसमें ई-संवर्ग की 5849 और टी-संवर्ग की 4614 शालाएं शामिल हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। यह युक्तियुक्तकरण आदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के निर्देशों के अनुरूप है जिसका मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक संसाधनों का संतुलित और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना है।

Read More : Bhilai Car Accident: तेज रफ्तार का कहर! बेकाबू कार ने उड़ाए पान ठेला और समोसे की दुकानें, युवक-युवती फरार

Chhattisgarh News:  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग का दूरदर्शी निर्णय स्कूल शिक्षा को बेहतर, समावेशी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है।मुख्यमंत्री साय ने स्कूलों के युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षा विभाग के निर्णय की सराहना करते हुए कहा है कि यह कदम प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने वाला है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल शिक्षकों के संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करेगा बल्कि विद्यार्थियों को भी गुणवत्तापूर्ण और निरंतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देगा।

Read More : Raipur Crime News: हिरण की खाल बेचने निकले थे तीन तस्कर, राजधानी में वन विभाग ने रंगेहाथ दबोचा, सींग और खाल बरामद

Chhattisgarh News:  मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ही परिसर में विभिन्न स्तरों के विद्यालयों का समायोजन, न केवल प्रशासनिक दृष्टि से उपयोगी है, बल्कि इससे शिक्षा की निरंतरता बनी रहेगी और छात्र ड्रॉपआउट की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी। इससे स्कूली वातावरण अधिक प्रभावशाली बनेगा और बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उठाया गया यह कदम छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

Read More : Raipur News: राजधानी के सरकारी राशन दुकान में लाखों की चोरी, CCTV में कैद हुई चोरों की करतूत, पुलिस जाँच में जुटी

Chhattisgarh News:  स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने जानकारी दी कि शालाओं के युक्तियुक्तकरण अंतर्गत एक ही परिसर में संचालित 10,297 विद्यालयों को युक्तियुक्त किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में एक किलोमीटर के दायरे में स्थित 133 विद्यालयों और शहरी क्षेत्र में 500 मीटर के दायरे में स्थित 33 विद्यालयों को भी युक्तियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि इस पहल से शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय शालाओं में अब अतिशेष शिक्षकों की तैनाती संभव होगी। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में भी सीधा सुधार देखने को मिलेगा। युक्तियुक्तकरण के कारण शिक्षकों की अतिरिक्त उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे अन्य जरूरतमंद शालाओं में भी संतुलन बन पाएगा। इस समायोजन से स्थापना व्यय में भी कमी आएगी जिससे शैक्षणिक ढांचे पर अधिक निवेश संभव होगा।

Read More : Balrampur Weather Update: छत्तीसगढ़ में बदला मौसम का मिजाज! इस जिले में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, 100 से अधिक गांवों में ब्लैकआउट

Chhattisgarh News:  स्कूल शिक्षा सचिव ने जानकारी दी कि एक ही परिसर में पढ़ाई की निरंतरता बने रहने से बच्चों की ड्रॉपआउट दर घटेगी और छात्र ठहराव दर में सुधार होगा।शालाओं के युक्तियुक्तकरण से बच्चों को बार-बार प्रवेश लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी जिससे उनकी शिक्षा यात्रा अधिक सहज और निरंतर होगी। उन्होंने कहा कि युक्तियुक्तकरण से विद्यालय परिसरों में बेहतर अधोसंरचना तैयार करना भी सरल होगा जिसमें पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब, विज्ञान प्रयोगशाला और खेल सुविधाएं साझा की जा सकेंगी। राज्य सरकार का यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित क्लस्टर विद्यालय अवधारणा के अनुरूप है, जहां एकीकृत परिसर में प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई सुनिश्चित की जाती है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में केवल प्रशासनिक समन्वय किया गया है, न कि किसी पद को समाप्त किया गया है। इस कदम से शिक्षकों का न्यायसंगत वितरण संभव होगा और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अधिक सुलभ रूप से उपलब्ध हो सकेगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत छात्रों और शिक्षकों के अनुपात के प्रावधानों का पालन करते हुए युक्तियुक्तकरण किया गया है, जिसकी राज्य में शैक्षणिक गुणवत्ता के स्तर को बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

Read More : Minister Pradhuman Singh Tomar: मोहन सरकार के मंत्री ने किया बड़ा ऐलान, जून भर नहीं चलाएंगे AC, पार्क में पंखे के नीचे सोने का लिया फैसला

Chhattisgarh News:  छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल न केवल वर्तमान शैक्षणिक ढांचे को सुदृढ़ करेगी बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी, सशक्त और समावेशी शिक्षा व्यवस्था का आधार तैयार करेगी।स्कूल शिक्षा विभाग का स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का दूरदर्शी निर्णय प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर, समावेशी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है।युक्तियुक्तकरण से न केवल शैक्षणिक संसाधनों का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित होगा, बल्कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और निरंतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर भी मिलेगा। यह छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

"युक्तियुक्तकरण" का मतलब क्या होता है?

युक्तियुक्तकरण का अर्थ है संसाधनों का समुचित और न्यायसंगत उपयोग। स्कूलों के युक्तियुक्तकरण में ऐसे विद्यालयों को मिलाया जाता है जो एक ही परिसर या निकट क्षेत्र में संचालित हो रहे हैं, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।

"युक्तियुक्तकरण" से छात्रों को क्या लाभ होगा?

युक्तियुक्तकरण से छात्रों को बेहतर अधोसंरचना (जैसे पुस्तकालय, लैब, खेल सुविधाएं), योग्य शिक्षक, और शिक्षा की निरंतरता का लाभ मिलेगा जिससे उनकी ड्रॉपआउट दर घटेगी और परिणामों में सुधार होगा।

क्या "युक्तियुक्तकरण" के बाद किसी स्कूल को बंद किया जाएगा?

नहीं, इस प्रक्रिया में केवल प्रशासनिक समायोजन किया गया है, किसी भी स्कूल या पद को बंद नहीं किया गया है। सभी विद्यालय कार्यरत रहेंगे लेकिन एकीकृत रूप में संचालित होंगे।

"युक्तियुक्तकरण" से शिक्षकों को क्या फायदा होगा?

इससे शिक्षकों का न्यायसंगत वितरण संभव होगा, एकल शिक्षक विद्यालयों को सहयोग मिलेगा और शिक्षकों पर कार्यभार संतुलित किया जा सकेगा।

"युक्तियुक्तकरण" किस नीति और कानून के तहत किया गया है?

यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के निर्देशों के अनुरूप किया गया है, जो शिक्षा में गुणवत्ता और समानता सुनिश्चित करने की दिशा में अहम है।