pramod sharma today join BJP
रायपुर: 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की राजनीति में पहले बार किसी तीसरी ताकत ने सीधे तौर पर भाजपा और कांग्रेस को चुनौती दी थी। यह ताकत थी प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बागी नेता अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ यानि जेसीसी।
जेसीसी ने 2018 का लोकसभा चुनाव पूरे दमखम से लड़ा था। प्रदेश की जनता को भी उम्मीद थी कि जो काम कांग्रेस 15 सालों में नहीं कर पाई वह कमाल अब अजीत जोगी करके दिखाएंगे यानी भाजपा को सत्ता से बेदखल करना। नतीजे भी इसी मुताबिक़ रहे यानि भाजपा सत्ता से बेदखल तो हुई लेकिन उन्हें जेसीसी ने नहीं बल्कि कांग्रेस ने उन्हें सत्ता से बाहर किया। भाजपा महज 15 सीटों पर सिमट गई जबकि कांग्रेस को बम्पर 68 सीटें हासिल हुई। वही जेसीसी-बसपा गठबंधन को भी पांच सीट मिली। इन्हीं पांच विधायकों में से एक थे प्रमोद शर्मा जिसने बलौदाबाजार सीट में गुलाबी झंडा गाड़कर सबको हैरान कर दिया था।
बता दे कि अजीत जोगी के साथ जिन कांग्रेस नेताओं ने पार्टी जको अलविदा कहा था उनमें प्रमोद शर्मा भी थे। प्रमोद शर्मा सन 2000 में किरोड़ीमल शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे। उन्हें 2009 में सदस्य जनपद पंचायत बलौदाबाजार की भी कमान मिली। जनता कांग्रेस के गठन के बाद 2017-18 में पूर्व सीएम जोगी ने उन्हें जेसीसी बलौदाबाजर का जिला अध्यक्ष घोषित किया। प्रमोद शर्मा 2018 में पहली बार बलौदाबाजार विधानसभा से जनता कांग्रेस छतीसगढ़ की टिकट पर विधायक चुने गए। विधायक रहते 2019-21 में वे सदस्य पुस्तकालय समिति छतीसगढ़ विधानसभा रहे।
गौरतलब है कि जब धर्मजीत सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, तब जोगी कांग्रेस के विधायक प्रमोद शर्मा ने सार्वजनिक रूप से उनका साथ दिया था। अपना रुख स्पष्ट करते हुए, शर्मा ने मीडिया में कहा था कि पार्टी नेतृत्व के किसी भी नतीजे की परवाह किए बिना, वह धर्मजीत सिंह के साथ मजबूती से खड़े हैं। सिंह के समर्थन के कारण प्रमोद शर्मा और जोगी कांग्रेस के नेता अमित जोगी के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए। प्रमोद शर्मा ने अमित जोगी पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन पर मनमाने फैसले लेने का आरोप लगाया था। यहां तक कह दिया था कि वो बाथरूम में बैठकर फैसला लेते हैं।