Raipur Air Show/Image Source: IBC24
रायपुर: Raipur Air Show: सोमवार को नया रायपुर का आसमान इंडियन एयरफोर्स की फाइटर जेट्स की गर्जना से गूंज उठा। यह फाइटर जेट 4 और 5 नवंबर को आसमान में करतब दिखाएंगे। अब आपको बताते हैं (सूर्य किरण एरोमेटिक टीम) और उसमें शामिल फाइटर प्लेंस के बारे में। 1996 में गठित सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम भारतीय वायुसेना की सटीकता, साहस और तकनीकी दक्षता का प्रतीक है।
अपने गठन के बाद से इस टीम ने भारत की हवाई क्षमता और अनुशासन का भव्य प्रदर्शन देश-विदेश के अनेक मंचों पर किया है। सूर्यकिरण टीम एशिया की एकमात्र नौ विमान की एरोबैटिक डिस्प्ले टीम है, जो भारतीय वायुसेना की तकनीकी क्षमता, अनुशासन और समन्वय की मिसाल मानी जाती है। इनके विमानों की उड़ानें इतनी सटीक होती हैं कि कभी-कभी पंखों के बीच की दूरी 5 मीटर से भी कम रह जाती है। यही वह कौशल है जो भारत को वैश्विक स्तर पर अलग पहचान देता है। अब तक सूर्यकिरण टीम ने भारत और विदेशों में 700 से अधिक प्रदर्शन किए हैं।
श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, ब्रिटेन और थाईलैंड जैसे देशों में इस टीम ने भारत का गौरव बढ़ाया है। टीम ने सिंगापुर एयर शो, दुबई एयर शो और रॉयल थाई एयर फोर्स की 88वीं वर्षगांठ पर भी शानदार प्रस्तुतियां दीं। इन प्रदर्शनों ने भारत की तकनीकी क्षमता और रक्षा सहयोग की भावना को दुनिया के सामने रखा है। इंडियन एयरफोर्स (IAF) की सूर्य किरण एरोबेटिक टीम (SKAT) का गठन 1996 में किया गया था और यह दुनिया की नौ-विमान वाली अनूठी एरोबेटिक्स टीमों में से एक है। एशिया में अपने आप में इकलौती ऐसी टीम है। इस अनूठी टीम ने भारत में 500 से अधिक प्रदर्शन किए हैं।
Raipur Air Show: इसके अलावा चीन, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, सिंगापुर और यूएई में एयर शो में भारतीय वायुसेना की ताकत दिखा चुके हैं। सूर्य किरण एरोबेटिक टीम SKAT का आदर्श वाक्य “सदैव सर्वोत्तम” है। लाल वर्दी में दिखने वाले एयरफोर्स के पायलट इस शो के जरिए यूथ को इंडियन एयरफोर्स ज्वाइन करने के लिए इंस्पायर करते हैं सूर्य किरण टीम जिस जेट के साथ करतब आसमान में दिखाएगी उसका नाम हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) है। फिलहाल ये भारतीय वायुसेना में यंग पायलट की ट्रेनिंग में काम आता है। इसमें पायलट दुश्मन के हवाई इलाकों की निगरानी, जमीनी और नौसैनिक हमले का जवाब देने की ट्रेनिंग लेते हैं।
हॉक एमके 132 जेट्स इंडियन नेवी के पास भी हैं जो समुद्री सीमाओं की निगरानी करते हैं। ये जेट ट्रेनिंग के अलावा भारत के एयर डिफेंस में लड़ाकू भूमिका भी निभाते हैं। हॉक एमके 132 भारतीय वायुसेना में किया गया था शामिल हॉक एमके 132 भारतीय वायुसेना में इसे 23 फरवरी 2008 को शामिल किया गया था। इसे ब्रिटिश कंपनी बीएई सिस्टम्स (BAE Systems) ने बनाया है। हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) की फ्लीट कर्नाटक के बिदर एयरफोर्स स्टेशन में तैनात है।
Raipur Air Show: हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) ऐसा ट्रेनिंग फाइटर जेट है जिसका उपयोग दुनिया के 14 देश कर रहे हैं। इस फाइटर जेट में दो क्रू बैठते हैं। एक ट्रेनी फाइटर पायलट और दूसरा इंस्ट्रक्टर। इसकी लंबाई 40.9 फीट है. विंगस्पैन 32.7 फीट हैं, ऊंचाई 13.1 फीट है। 7 इसके साथ ही इसका वजन 4480 किलोग्राम है। पूरी तैयारी के साथ यह 9100 किलोग्राम वजन लेकर उड़ सकता है। हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) में मशहूर कार निर्माता कंपनी रोल्स रॉयस का टर्बोमेका अडोर एमके 951 टर्बोफैन इंजन लगा है। हॉक एमके 132 (Hawk MK 132) की अधिकतम गति 1028 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यह एक बार में 2520 किलोमीटर तक उड़ना भर सकता है। अधिकतम 13,565 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। ऊंचाई पर जाने की इसकी गति 9300 फीट प्रति सेकेंड है।