सौरभ सिंह परिहार/रायपुर। Reservation Amendment Bill in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर राजभवन और राज्य सरकार लगातार आमने-सामने हैं। इस बीच राज्यपाल अनुसुईया उइके ने जल्द ही प्रदेश के जिलों का दौरा करने की बात कही है। अब इस पर कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बीच जबरदस्त बयानबाजी होने लगी है। सवाल है कि राज्यपाल को जिलों में दौरा करने की जरूरत क्यों पड़ी? क्या ये सरकार को सीधी चुनौती है और क्या इस फैसले से संवैधानिक टकराव बढ़ेगा?
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Reservation Amendment Bill in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर सियासी दलों ने सदन, सड़क और सोशल मीडिया तक जंग लड़ी। अब राजभवन से जारी ट्वीट से इस मामले ने नया रंग दिखने वाला है। इस ट्वीट में राज्यपाल छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों से मुलाकात करते हुए कह रही हैं कि वे प्रदेश के आदिवासियों की समस्याओं के निराकरण के लिए जिलों का दौरा करेंगी और स्थानीय प्रशासन को समाधान का निर्देश देंगी। राज्यपाल के दौरे पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि राज्यपाल जो भी काम कर रही है वह भाजपा के इशारे पर कर रही हैं।
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस राज्यपाल और संवैधानिक अधिकारों पर सवाल उठा रही है, जो उचित नहीं है। छत्तीसगढ़ में कुल 76% आरक्षण को लेकर राजभवन और राज्य सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। राज्यपाल के अगले कदम पर सबकी नजर है। इस बीच जिलों में उनके दौरे की तैयारी ने सियासी खलबली मचा दी है।