Reported By: DHIRAJ SHARMA
,Dongargarh News / Image Source: IBC24
Dongargarh News: डोंगरगढ़ : राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में स्थित विश्व प्रसिद्ध मां बमलेश्वरी धाम हाल ही में एक विवाद का केंद्र बन गया है। ये विवाद बीते नवरात्र के पंचमी भेंट के दौरान आदिवासी समाज और मंदिर ट्रस्ट के बीच शुरू हुई। अब इस मामले में नया मोड़ देखने को मिला है। आज गोड आदिवासी समाज, कंवर समाज, हलबी समाज सहित गोड महासभा के पदाधिकारियों ने मंदिर प्रांगण में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपने ही समाज के कुछ लोगों द्वारा किए गए कृत्य का विरोध किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एमडी ठाकुर ने कहा कि मां बमलेश्वरी मंदिर न केवल डोंगरगढ़ और छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए आस्था का केंद्र है। उन्होनें बताया कि पंचमी भेंट के नाम पर किए गए आयोजन ने समाज को आहत किया है। ठाकुर ने कहा कि माता को बकरा और भेड़ नहीं बल्कि साड़ी, फल, फूल और नारियल भेंट किए जाने चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंदिर ट्रस्ट के नियम अनुसार ही व्यवस्थाएँ संचालित होती हैं और ये कृत्य न केवल अनुचित था बल्कि समाज की भावनाओं के खिलाफ भी है।
एमडी ठाकुर ने पंचमी भेंट के दौरान आदिवासी समाज को ट्रस्ट द्वारा दरकिनार करने के आरोप पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के नियमों के अनुसार जो भी सदस्यता ग्रहण करना चाहता है, वो कर सकता है और चुनाव में भाग ले सकता है। ठाकुर ने बताया कि जब उन्होंने ट्रस्ट से जानकारी ली तो पता चला कि 55 से 60 आदिवासी समाज के सदस्य ही हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए समाज का अपमान करना सही नहीं है और किसी को भी मंदिर को विवादित बनाने का अधिकार नहीं है।
Dongargarh News: मंदिर को लेकर आदिवासी समाज द्वारा 15 नवंबर को बुलाए गए बंद पर भी एमडी ठाकुर ने अपनी स्थिति साफ़ बताई। उन्होंने कहा कि गोड आदिवासी समाज ऐसे किसी भी बंद का समर्थन नहीं करता और समाज से अपील की कि वो इस बंद से दूर रहें। ठाकुर ने कहा कि विवाद बढ़ाने के बजाय सभी को मंदिर की शांति और आस्था की रक्षा करनी चाहिए। एमडी ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये भी जोर देकर कहा कि मंदिर सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि ये समाज को जोड़ने और आस्था बनाए रखने का केंद्र है। उन्होंने सभी समुदायों से अपील की कि वो इस विवाद को खत्म करें और मंदिर के नियमों का सम्मान करें। ठाकुर ने साफ कहा कि गोड आदिवासी समाज किसी भी प्रकार की हिंसा या अव्यवस्था का समर्थन नहीं करता और मंदिर की शांति बनाए रखना उनका कर्तव्य है।