CG News. Image Source-IBC24
रायपुरः CG News बीते दिनों प्रदेश में 8 साल बाद गाइडलाइन दरों में बदलाव हुआ, जिसका सीधा सीधा असर रियल स्टेट कारोबारी और प्रॉपर्टी कारोबार पर पड़ा। लोगों ने इसका खुलकर विरोध किया, विपक्ष ने मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू किया। 20 तारीख को जारी गाइडलाइन आदेश 8 दिसंबर यानि आज संसोधित हो गया। दावा तो है कि ये पूरी राहत देने वाला है पर विपक्ष कहता है कि ये रियायत अधूरी है।
बीते दिनों छत्तीसगढ़ में जमीनों की नई गाइड लाइन पर मौजूदा साय सरकार ने एक नया आदेश जारी कर बड़ी राहत देने का दावा किया है। 7 नवंबर को घोषित और 20 नवंबर से प्रदेश में लागू नई गाइडलाइन दर का प्रदेश के रियल स्टेट कारोबारी समेत विपक्ष जमकर विरोध कर रहा था। बीते दिनों इसे लेकर कई प्रदर्शन हुए, आखिरकार सरकार ने आज एक नया आदेश जारी कर, गाइडलाइन नियमों में संशोधन जारी करते हुए- विरोध वाले कुछ नियमों पर यू-टर्न ले लिया। मसलन नगरीय क्षेत्र में 1400 वर्ग मीटर के इंक्रीमेंटल आधार पर गणना वाला आदेश, कमर्शियल कॉम्पलेक्स के सामने और पीछे के रेट एक समान वाला आदेश और बहु मंजिला इमारत के सुपर बिल्टअप एरिया पर बाजार मूल्य के हिसाब से गणना वाला नियम बदलते हुए पूर्व की तरह व्यवस्था कर दी गई।
CG News सरकार का दावा है कि सरकार संवेदनशील, प्रैक्टिकल और लोगों की मांग के मुताबिक फ्लेग्जिबल है। सो सुधारों में संकोच नहीं किया। हालांकि विपक्ष ने इस दावे को सिरे से खारिज किया। पूर्व CM, पूर्व डिप्टी CM से लेकर PCC चीफ तक यही कह रहे हैं कि सरकार को लोगों में आक्रोश के आगे झुकना पड़ा है, तब भी चंद सुधार ही किए हैं, अभी और बदलाव की जरूरत है। सोमवार को विपक्ष ने सरकार के गाइडलाइन में संशोधन आदेश जारी हो जाने के वाबजूद, पहले घोषित महाधरना किया, विपक्ष और कारोबारियों का मानना है कि अभी भी इस गाइड लाइन में बहुत से सुधारों की जरूरत है। सरकार ने भी सभी आपत्तिकर्ताओं को नए संशोधनों पर सुझाव और शिकायत के लिए 31 दिसंबर तक का वक्त दिया है कि सवाल है कि क्या एक बार फिर सरकार को विपक्ष, कारोबारी और आमजन के आक्रोश-विरोध के आगे झुकना पड़ा है? क्या विपक्ष के आरोप सही हैं?
इन्हे भी पढ़ें:-