Vishnu Deo Sai Cabinet Minister
बिलासपुर: Vishnu Deo Sai Cabinet Minister, साय सरकार के मंत्री मंडल विस्तार मामले में हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। दरअसल हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता से ही सवाल पूछ लिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले याचिकाकर्ता बताए उनकी पृष्ठभूमि क्या है? उन्होंने अबतक कितने समाजिक कार्य किए हैं? उनके किए गए सामाजिक कार्य का डाटा प्रस्तुत करें।
आपको बता दें कि एक सामाजिक कार्यकर्ता ने मंत्रिमंडल के विस्तार को दी चुनौती है। याचिका में कहा गया है कि साय सरकार के मंत्रि मंडल का विस्तार असंवैधानिक है। इसके बाद HC ने याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता से ही दनादन सवाल पूछ डाले हैं। मामले में अगली सुनवाई 2 सितंबर को होगी। HC चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच में मामला लगा है।
Vishnu Deo Sai Cabinet Minister बता दें कि साय कैबिनेट के विस्तार के बाद से एक बार फिर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। साय सरकार के 14 मंत्री बनाए जाने पर कांग्रेस शुरू से ही सवाल उठा रही है। कांग्रेस का कहना है कि असंवैधानिक रूप से मंत्रिमंडल की संख्या बढ़ाई गई है। अगर इसकी सारी प्रक्रिया पूरी की गई है तो उसे सार्वजनिक करना चाहिए। वहीं, अब ये मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 14 होने को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
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Vishnu Deo Sai Cabinet Minister मिली जानकारी के अनुसार साय कैबिनेट में 14 मंत्री बनाए जाने को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में सामान्य प्रशासन विभाग, मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों को पक्षकार बनाया गया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन से शपथ पत्र के साथ जवाब भी मांगा है। मामले में अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। बता दें कि छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि हरियाणा में भी 90 विधानसभा सीट होने के बाद भी 14 मंत्री बनाए गए थे।
वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत इस संबंध में राज्यपाल को पत्र लिख चुके हैं। डॉ चरणदास महंत का कहना है कि संविधान में व्यवस्था है कि कुल विधायकों की संख्या का 15 फीसदी ही मंत्री बनेंगे । ऐसे में मुख्यमंत्री सहित 13 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं । हम किसी विशेष मंत्री को हटाने नहीं कह रहे, हम चाहते हैं कि संविधान का पालन किया जाए । संसदीय सचिव बनाना है बनाए, मंत्री का दर्जा न दें ।
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