Naxalites-Police Big Encounter News || Image- IBC24 News File
Naxalites-Police Big Encounter News: सुकमा: देश के सबसे दुर्दांत माओवादियों में शुमार, सुकमा के पूवर्ती का रहने वाला माड़वी हिड़मा का अंत हो चुका है। मंगलवार की सुबह करीब 6 बजे छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर हुए मुठभेड़ में माओवादियों के सीसी मेंबर हिड़मा और उसकी पत्नी राजे समेत कुल छह नक्सलियों को मार गिराया गया। नक्सल उन्मूलन अभियान में यह इस साल की दूसरी बड़ी सफलता है। इससे पहले इसी साल के मई में सुरक्षाबलों ने छत्तीसगढ़ में ही माओवादियों के पूर्व महासचिव नम्बाला केशव उर्फ़ बसवा राजू को भी ढेर कर दिया था।
बहरहाल इस बीच एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक़ कल छत्तिसगर-तेलंगाना बॉर्डर पार्ट जिस जगह माड़वी हिड़मा और उसकी बीवी राजे समेत 6 नक्सलियों को ढेर किया गया था, वही आज फिर एक बड़ी मुठभेड़ हुई है। इस ताजा एनकाउंटर में एक बार फिर से पुलिस और सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिलने की खबर है। बताया जा रहा है कि, इस एनकाउंटर में 7 नक्सलियों को ढेर किया गया है, इनमें नक्सलियों का बड़ा लीडर और जोगा उर्फ़ टेक शंकर को भी मार गिराया गया है। बताया जा रहा है कि, मारे गये 7 नक्सलियों में 4 पुरुष, 3 महिला माओवादी शामिल है। मुठभेड़ के बाद सर्चिंग में पुलिस के हाथ 2 एके-47 समेत 8 हथियार भी लगे है। कल ही आंध्र की पुलिस ने हिड़मा को भी इसी जगह पर मार गिराया था।
Naxalites Arrested in Andhra Pradesh: माओवादी कमांडर माड़वी हिडमा का जन्म 1981 में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुरवती में हुआ था। वह पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1 के प्रमुख थे, जिसे माओवादियों की सबसे घातक स्ट्राइक यूनिट माना जाता है। हिडमा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सबसे कम उम्र के सदस्य थे और बस्तर क्षेत्र के एकमात्र आदिवासी थे जिन्हें यह पद मिला था। उनके सिर पर ₹50 लाख का इनाम रखा गया है।
हिडमा कम से कम 26 घातक हमलों के लिए ज़िम्मेदार है, जिनमें 2017 का सुकमा हमला और 2013 का झीरम घाटी नरसंहार शामिल है, जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रमुख कांग्रेस नेताओं सहित 27 लोग मारे गए थे। वह 2010 के दंतेवाड़ा हमले में भी शामिल था , जिसमें 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे, और 2021 के सुकमा-बीजापुर मुठभेड़ में भी शामिल था, जिसमें 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे।
Naxalites Arrested in Andhra Pradesh: इससे पहले आईजी सुंदरराज ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने का उनका लक्ष्य पूरा हो जाएगा और पिछले 20 महीनों में 2200 से अधिक नक्सली मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं।
एएनआई से बात करते हुए, पी सुंदरराज ने कहा, “पिछले कुछ दशकों से वामपंथी उग्रवाद न केवल बस्तर और छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि देश के बड़े हिस्से के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती रहा है। पिछले कुछ साल बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के लिए बहुत निर्णायक रहे हैं। पिछले दो सत्रों में, हमने बस्तर क्षेत्र में 450 से अधिक नक्सली शव बरामद किए हैं। इस अवधि में, बसवराजू और अन्य जैसे शीर्ष नक्सली कैडरों के शव बरामद किए गए। पिछले कुछ महीनों में, केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो के सदस्यों और अन्य संभागीय समिति के सदस्यों सहित 300 से अधिक माओवादी कैडरों ने हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है।”