sarguja protestसरगुजा: अब तक आपने विरोध प्रदर्शन के लिए नारेबाजी, धरना और धक्कामुक्की का तरीका तो देखा ही होगा। मगर छ्त्तीसगढ़ के सरगुज़ा में विरोध का अनूठा तरीका अपनाया गया और सैकड़ो की संख्या में लड़कियां यहां नृत्य करने लगी। जी हां सरगुज़ा कलेक्ट्रेट में प्रशासन और पुलिस महकमे में उस वक्त हड़कंप मच गया। जब विरोध करते हुए सैकड़ो की संख्या में लड़कियों ने अनूठा तरीका अपनाया और कलेक्ट्रेट कैम्पस में झुंड बनाकर पारंपरिक नृत्य करने लगी।
sarguja protest दरअसल ईसाई आदिवासी महासभा के द्वारा 8 नवंबर को उरांव नृत्य के जरिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का आयोजन किया गया था। जिस पर आदिवासी समाज के एक वर्ग के द्वारा आपत्ति दर्ज की गई थी। और शांति भंग होने की बात कहते हुए प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा गया था। ऐसे में प्रशासन ने इस कार्यक्रम को आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया है। और इसी बात का विरोध ईसाई आदिवासी समाज के द्वारा अनूठे तरीके से किया गया।
sarguja protest सैकड़ों की संख्या में पारंपरिक वेशभूषा में महिलाओं और बालिकाओं ने सड़क पर तो नृत्य किया ही साथ ही साथ सरगुजा कलेक्टर कार्यालय कैंपस में भी उराव नृत्य करने लगी विरोध स्वरूप गीत भी गया। इसके पीछे ईसाई आदिवासी महासभा की मंशा है कि, उन्हें जब तक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दी जाती। तब तक उन्हें इसका अभ्यास करने की अनुमति दी जाए।
sarguja protest अभ्यास कार्यक्रम ईसाई आदिवासी महासभा के द्वारा छुट्टी के दिन आयोजित किया जाएगा इधर प्रशासन का कहना है कि आयोजन को लेकर समाज के विशेषज्ञों से बातचीत की जा रही है और दोनों समुदाय के लोगों से बातचीत चल रही है जिसका निराकरण निकलने के बाद ही आयोजन की अनुमति दी जा सकेगी ऐसे में साफ है कि आयोजन कब होगा।
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sarguja protest इसे लेकर अब भी संशय बरकरार है मगर ईसाई आदिवासी महासभा के द्वारा जिस तरह से अनूठा विरोध प्रदर्शन किया गया वह चर्चा का विषय जरूर है इधर बताया जा रहा है की मूल आदिवासी समाज के द्वारा इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है और इसका पीआईएल भी न्यायालय में दायर किया गया है।
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