I LOVE Mohammed Controversy : MP-CG के इन शहरों तक पहुंचा ‘I LOVE मोहम्मद’ विवाद, जवाब में सामने आया ‘I LOVE महाकाल’ कैंपेन

I LOVE Mohammed' controversy: एमपी में आई 'लव मोहम्मद' वर्सिज 'आई लव महाकाल' की सियायत चल रही है। एमपी के कई शहरों मे 'आई लव मोहम्मद' वर्सेस 'आई लव महाकाल' के पोस्टर वार चल रहे हैं। उज्जैन के बाद पोस्टर सियासत अब भोपाल पहुंच गई है।

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  • Publish Date - September 26, 2025 / 06:43 PM IST,
    Updated On - September 26, 2025 / 06:46 PM IST
HIGHLIGHTS
  • कानपुर से शुरू हुई आई लव मोहम्मद बैनर मुहिम
  • मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तक पहुंच चुकी दस्तक
  • 'लव मोहम्मद' वर्सिज 'आई लव महाकाल' की सियायत

भोपाल/रायपुर: I LOVE Mohammed’ controversy in MP-CG, कानपुर से शुरू हुई आई लव मोहम्मद बैनर मुहिम की दस्तक मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तक पहुंच चुकी है। मध्यप्रदेश के उज्जैन, इंदौर, सिहोर, भोपाल शहर से इसकी गूंज सुनाई दी। तो वहीं छत्तीसगढ़ में के भिलाई में भी इसकी दस्तक दिखाई दी है।

एमपी में आई ‘लव मोहम्मद’ वर्सिज ‘आई लव महाकाल’ की सियायत चल रही है। एमपी के कई शहरों मे ‘आई लव मोहम्मद’ वर्सेस ‘आई लव महाकाल’ के पोस्टर वार चल रहे हैं। उज्जैन के बाद पोस्टर सियासत अब भोपाल पहुंच गई है। जुम्मा की नमाज के बाद भोपाल की ताजुल मस्जिद के बाहर नमाज पढ़कर निकले लोगों ने I LOVE मोहम्मद के स्टीकर लगाए। लोगों ने अपने वाहनों पर, अपने कपड़ों पर यह स्टीकर लगाकर जवाब दिया।

मध्यप्रदेश के उज्जैन में चमनगंज थाना क्षेत्र में आई लव मोहम्मद के बैनर पोस्टर लगाए गए थे, तो सीहोर जिले के श्यामपुर तहसील में भी ऐसे ही होर्डिंग लग गए। आई लव मोहम्मद मुहिम का असर इंदौर में भी देखा गया, जहां चंदन नगर क्षेत्र में बैनर लगे दिखाई दिए। भोपाल के नूर महल इलाके में लाल मस्जिद के सामने भी ऐसे ही होर्डिंग लगे दिखाई दिए।

इंदौर में देर रात लगाए गए पोस्टर

इंदौर में बीते बुधवार की देर रात चंदन नगर इलाके में लगे “I Love मोहम्मद” बैनरों ने बवाल खड़ा कर दिया था। बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए और “I Love मोहम्मद” का पोस्टर लगाने लगा। हालाकि सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले में तुरत एक्शन लिया और पोस्टर को वहां से हटाया गया।

देर रात जैसे ही लोगों की नजर पड़ी, मामला गर्मा गया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पदाधिकारियों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि ये काम जानबूझकर हिंदू बहुल इलाकों में किया गया है, ताकि नवरात्रि के दौरान माहौल खराब किया जा सके। विहिप नेताओं का सवाल है कि जब इस समय किसी वर्ग विशेष का कोई बड़ा त्योहार या धार्मिक आयोजन ही नहीं है, तो आखिर ऐसे पोस्टर लगाने की क्या जरूरत थी? उन्होंने आरोप लगाया कि इसके पीछे सांप्रदायिक तनाव फैलाने और माहौल बिगाड़ने की साजिश हो सकती है।

‘लव मोहम्मद’ वर्सिज ‘आई लव महाकाल’ की सियायत

बता दें कि देश में I Love मोहम्मद कैंपेन के बाद अब मध्यप्रदेश में I Love महाकाल कैंपेन शुरू हो गया है। महाकाल की नगरी उज्जैन में पहले I Love महाकाल पोस्टर लगा अब राजधानी भोपाल में I Love महाकाल कैंपेन की शुरुआत हो गई है। भोपाल के शीतलदास की बगिया मंदिर पर जागृत हिंदू मंच ने I Love महाकाल के पोस्टर लगाए। उनका कहना है यह कैंपेन जागृत हिंदू मंच के माध्यम से चलाया जा रहा है। हमारा I Love मोहम्मद अभियान के खिलाफ कोई इरादा नहीं है, हमारे लिए तो साल के 365 दिन त्योहार हैं, हमने गणेश चतुर्थी के समय भी इसी तरह के पोस्टर लगाए थे। I Love महाकाल का वैसे तो I Love मोहम्मद कैंपेन से कोई संबंध नहीं है, लेकिन यह पोस्टर ऐसे समय पर लगाया गया है जब पूरे देश में I Love मोहम्मद पोस्टर पर विवाद गरमा चुका है, इस वजह से कई लोग इसे उसी कैंपेन का जवाब मान रहे हैं।

धार्मिक होर्डिंग पोस्टर की सियासत

आई लव मोहम्मद और आई लव महाकाल के पोस्टर अब सिर्फ बैनर नहीं, बल्कि सियासत का हथियार बन चुके हैं। जहां एक ओर धर्म के नाम पर वोटबैंक साधने की कोशिश तो दूसरी ओर जनता के बीच टकराव का माहौल बनते जा रहा है। सवाल ये है कि नवरात्र के गरबा में जहां रंग, संगीत और उत्सव की गूंज होनी चाहिए, वहां अब धार्मिक होर्डिंग पोस्टर की सियासत हो रही है, ऐसे में पूरे देश में साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ने का खतरा बना हुआ है।

छत्तीसगढ़ के भिलाई पहुंचा I Love Muhammad का विवाद

इधर मध्यप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ तक भी ‘आई लव मोहम्मद’ का विवाद पहुंच गया है। यहां भी पोस्टर लगाए जाने को लेकर उपजे विवाद ने माहौल गर्म कर दिया। भिलाई में आज जुमे की नमाज के बाद ईदगाह मैदान में हजारों मुस्लिम हाथ में ‘आई लव मोहम्मद’ का पोस्टर लेकर पहुंचे थे। अलग-अलग मस्जिदों से रैली की शक्ल में पहुंचे लोगों ने यूपी में हुई कार्रवाई को गलत बताते हुए, गिरफ्तार समाज के युवाओं को छोड़ने की मांग की। इस अवसर पर शहर के सभी मस्जिदों से पहुंचे प्रमुखों ने अपनी-अपनी बात रखी।

भिलाई नगर जामा मस्जिद कमेटी के सदर आशिफ बेग ने एसडीएम भिलाई हितेश पिस्दा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। आशिफ बेग ने कहा कि संविधान ने अल्पसंख्यकों को भी समानता का अधिकार दिया है। साथ ही वे भी अपनी धार्मिक भावनाएं सार्वजनिक रूप से व्यक्त कर सकते हैं। ऐसे में अपनी धार्मिक भावना व्यक्त करने वाले युवाओं पर कार्रवाई होना गलत है। वही एसडीएम हितेश पिस्दा ने कहा कि मुस्लिम समाज ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है, प्रशासन जल्द ही यह ज्ञापन राष्ट्रपति तक भेजेगा।

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