Ek Diya Ram Ke Naam: ‘जनजाति समाज ने राम के सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी’, सीएम विष्णुदेव साय ने IBC24 पर की खास बातचीत

Ek Diya Ram Ke Naam: CM Vishnu deo sai: आईबीसी 24 के एसोसिएट कार्यकारी संपादक बरुण सखाजी ने सीएम साय का EXCLUSIVE बातचीत की।

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  • Publish Date - January 18, 2024 / 04:06 PM IST,
    Updated On - January 18, 2024 / 04:38 PM IST

Ek Diya Ram Ke Naam

Ek Diya Ram Ke Naam: रायपुर। श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में लेकिन राम मय हो रहा है पूरा भारत। रामभक्तों का 22 जनवरी को 500 साल का इंतजार खत्म होने वाला है। बता दें कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। जिसको लेकर प्रभु श्री राम के ननिहाल यानी छत्तीसगढ में भी गजब का उत्साह देखा जा रहा है। पूरा प्रदेश राममय हो गया है। इसी कड़ी में आज सीएम विष्णुदेव साय ने आईबीसी 24 से खास बातचीत की।

आपको बता दें कि आज पूरा देश राममय हो गया है। हर किसी को अयोध्या में 22 जनवरी के उस ऐतिहासिक क्षण की प्रतीक्षा है जब भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा होगी, वह अपने घर लौटेंगे। ऐसे में IBC24 भी अपनी खास पेशकश ‘एक दीया राम के नाम’ के साथ इस पूरे हर्ष और उल्लास को अपने दर्शकों, पाठकों के साथ साझा कर रहा हैं।

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राम सबके राम हैं। वे भक्तराज भरत के हैं, तटस्थ रहकर संकटकाल में प्रशासनिक व्यवस्था संभालने वाले शत्रुघ्न के हैं, वे शेषावतार लक्ष्मण के हैं, वे भक्तिबल के महापुंज हनुमान के हैं, वनवासी निषाध के हैं, सेवक केवट के हैं, नवधा भक्ति की प्रतीक जनजाति समाज की माता शबरी के हैं। राम तो उन कैकई के भी हैं, जिन्होंने उन्हें राजतिलक से वंचित कर वनवास दिलाया। इसलिए कहा जाता है राम सबके हैं। जानजातिय समाज से राम का नाता ज्यादा दिखाई देता है। जनजातिय समाज सबका पालनहार होता है। सबका ख्याल रखने वाला होता है। सबका सम्मान करने वाला सच्चा सनातनी होता है।

श्री राम के आदर्श भाव

Ek Diya Ram Ke Naam: आपको बता दें कि इस खास मौके पर आज आईबीसी 24 के एसोसिएट कार्यकारी संपादक बरुण सखाजी ने सीएम साय का EXCLUSIVE बातचीत की। सीएम साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर क्या प्लान है। सीएम साय ने इसके साथ ही प्रभु राम के आदर्श के बारे में बातचीत की। सीएम साय ने बताया कि भगवान राम का छत्तीसगढ़ का बहुत ही गहरा लगाव है। राम सबके हैं, सब राम के हैं। मेर राम से पुराना नाता है, मेरे तो पिता का नाम तक रामप्रसाद है। हमारे घर में बचपन से राम की सीखें बताई गई। रामायण हमंे जीवन दर्शन सिखाती है।

राम का जनजाति समाज से गहरा नाता

इसके साथ ही सीएम साय ने खास बातचीत में रामायण के बारे में बताया कि रामायण सिखाती है कैसे रिश्ते निभाएं, कैसे राजधर्म निभाएं। राम का जनजाति समाज से गहरा नाता है। जनजाति समाज ने राम के सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। नवधा भक्ति की सीख दुनिया को माता शबरी के माध्यम से मिली। जनजाति समाज अतिथि देवो भव को मानता है। राम के रहने, खाने और वन में सुरक्षा का जिम्मा जनजाति समाज ने संभाला। किसी का निमंत्रण ठुकराना ठीक नहीं है। यह विनाशकाले विपरीत बुद्धि हैं।

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छत्तीसगढ़ में राम कॉरिडोर

आईबीसी 24 के इस खास बातचीत में सीएम साय ने अयोध्या में सनातनियों के कार्यक्रम के बारे में भी बताया, उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनावी हिंदू बन जाती है, बाकी समय हिंदुओं की उपेक्षा करती है। अयोध्या में सनातनियों का कार्यक्रम है, सबका कार्यक्रम है। राम वनगमन की स्मृतियों को संवारेंगे। हम छत्तीसगढ़ में राम कॉरिडोर बनाएं।

यह सुधि कोल किरातन्ह पाई, हरषे जनु नव निधि घर आई।। कंद मूल फल भरि-भरि दोना, चले रंक जनु लूटत सोना।।

Ek Diya Ram Ke Naam: वनवास में राम जी के लिए भोजन, निवास की व्यवस्था। उनकी वून क्षेत्र में सुरक्षा, सुविधा की व्यवस्था जनजातिय समाज ने की। जनजातिय समाज के महत्व को इससे भी और बेहतर समझा जा सकता है, कि राम के दर्शन और सेवा के लिए देवताओं को भी जानजातिय देह धारण करना पड़ी। जैसा कि राम चरित मानस में उल्लेख है।

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