The work of making electricity from cow dung will start from October 2

गांधी जयंती से शुरू होगा गोबर से बिजली बनाने का काम, गौठान समितियों का होगा अपना पॉवर प्लांट: सीएम बघेल

The work of making electricity from cow dung will start from Gandhi Jayanti: CM Bhupesh Baghel! गांधी जयंती से शुरू होगा गौठानों में गोबर से बिजली बनाने का काम

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : September 30, 2021/7:54 pm IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शांति और अहिंसा की अवधारणा के लिए यह जरूरी है कि हर हाथ को काम मिलेे और सभी को सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार मिले। महात्मा गांधी ग्राम स्वराज्य की बात करते थे। छत्तीसगढ़ सरकार उनके इन्हीं आदर्शों पर चलते हुए महिलाओं और ग्रामीणों को स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ाने, लोगों को अधिकार देने और उन्हें रचनात्मक कार्यों से जोड़ने की दिशा में कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने आज राजधानी रायपुर के टाउन हॉल में ‘आज के संदर्भ में गांधी जी की शांति की अवधारणा और संभावना‘ विषय पर आयोजित विचार संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए।

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यह कार्यक्रम गांधी विचार फाउंडेशन, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन एवं न्यू नेरेटिव फोरम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ गांधीवादी और एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पी.वी. ने की। गांधी शांति प्रतिष्ठान नई दिल्ली के गांधीवादी विचारक कुमार प्रशांत कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे। वरिष्ठ गांधीवादी चितंक प्रोफेसर बालचंन्द्र कचवाह विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा को आजादी की लड़ाई में अस्त्र बनाया। उन्होंने देश को आजादी दिलायी और समाज के वंचित, शोषित, दलितों और महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। बापू ने आम जनता में स्वाभिमान जगाने का काम किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बापू के आदर्शों पर चलकर सभी वर्गों के उत्थान के लिए कार्य कर रही है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सुराजी गांव योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत गांवों में बनाए गए गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से जुड़ कर स्वावलंबन की ओर बढ़ रही हैं। महिलाएं गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर रही हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर के अवसर पर छत्तीसगढ़ के गौठानों में गोबर से बिजली बनाने का काम शुरू होगा। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ की गांवों की गौठान समितियों का भी अब अपना पॉवर प्लांट होगा। हर गौठान में एक एकड़ भूमि में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किया जाएगा। जहां स्व-सहायता समूह छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों के माध्यम से साबुन, चप्पल जैसी वस्तुओं का उत्पादन कर स्वावलंबी बनेंगे। उन्होंने कहा कि गौठानों में नीम, करंज, चरौटा, तिलहन फसलों के तेल पेराई का काम भी शुरू होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा तेलघानी बोर्ड का गठन किया गया है। इसके माध्यम से गौठानों में भी तेल निकालने के लिए जरूरी व्यवस्थाएं की जाएंगी।

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बघेल ने कहा कि प्रदेश के लगभग 10 हजार गांवों में गौठानों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से 6 हजार गौठानों का निर्माण पूरा हो गया है। हर गौठान में लगभग 5 से 10 एकड़ भूमि आरक्षित की गई है। जहां पशुओं के लिए चारागाह, पानी, छाया की व्यवस्था की गई है। गोधन न्याय योजना के तहत खरीदे जाने वाले गोबर से गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा रहा है। ये समूह गमले और दीये भी बनाने का काम कर रहे हैं। गौठानों में अब तक लगभग 50 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है, जिससे 12 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया गया है। इसमें से 8 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग किसानों द्वारा किया गया है। किसानों ने रासायनिक खाद और वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग के अंतर के महसूस किया है। इस योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ तेजी से जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों, वनवासियों, महिलाओं, मजदूरों, गरीबों सहित सभी वर्गों की उन्नति के लिए कार्य किए जा रहे हैं। किसानों को उनक उपज का अच्छा दाम दिलाने की राज्य सरकार ने पहल की। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सुराजी ग्राम योजना प्रारंभ की। कुपोषण और मलेरिया के खिलाफ भी राज्य सरकार के प्रयासों का अच्छा परिणाम मिला है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार ने 2500 रूपए क्विंटल पर धान खरीदी की। किसानों का कर्जमाफ किया। धान उत्पादक किसानों सहित सभी खरीफ फसलों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी देने की व्यवस्था की गई है। धान उत्पादक किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य दिलाने के लिए धान से एथेनॉल उत्पादन करने की अनुमति राज्य सरकार ने केन्द्र से मांगी है। धान से एथेनॉल के उत्पादन के साथ धान के अन्य उपयोग पर भी कार्य किया जाना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत भू-भाग पर जंगल है। लघु वनोपजों के माध्यम से वनवासियों को आय और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 52 कर दी है। वन क्षेत्रों के परंपरागत निवासियों के वन अधिकार पट्टों के निरस्त किए गए आवेदनों को परीक्षण कराकर उन्हें वन अधिकार मान्यता पत्र दिए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में गांवों को सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्र देने का कार्य बड़े पैमाने पर किया गया है। बघेल ने कहा कि युवाओं को रचनात्मक कार्यों से जोड़ने के लिए हर पंचायत में राजीव मितान क्लब गठित किए जाएंगे। वार्ड में 2500 की जनसंख्या पर एक क्लब का गठन किया जाएगा। इसके सदस्य 15 से 40 आयु वर्ग के युवा होंगे। प्रत्येक क्लब को वर्ष में एक लाख रूपए की राशि दी जाएगी। ये क्लब संस्कृति और खेलकूद की गतिविधियों के साथ राज्य के विकास में योगदान देंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार रूचिर गर्ग, छत्तीसगढ़ राज्य पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी सहित अनेक प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।

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