बात निकली है..दूर तलक जाएगी? क्या जानबूझ कर भंग की गई छग की शांति?
बात निकली है..दूर तलक जाएगी? क्या जानबूझ कर भंग की गई छग की शांति? Was the peace of Chhattisgarh deliberately disturbed?
रायपुर। बेमेतरा के बिरनपुर में रविवार को मामूली विवाद में एक युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई। गुस्साई भीड़ ने पुलिस की गाड़ी को फूंक दिया। पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हो गए। इसके विरोध में हिंदूवादी संगठनों ने सोमवार को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया। इस बीच हिंसा की भड़की आग पर सियासी दल राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश में जुट गए। सवाल है कि बच्चों का झगड़ा हत्या तक क्यों पहुंचा और सांप्रदायिक तनाव कैसे भड़क गया? क्या साजिश रची गई, क्या जानबूझ शांति भंग की गई?
बेमेतरा में एक युवक की हत्या के विरोध में विश्व हिंदू परिषद, भारतीय जनता पार्टी और बजरंग दल के छत्तीसगढ़ बंद के दौरान फिर हिंसा भड़क गई। बेमेतरा में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प हुई। इधर, राजधानी रायपुर समेत तमाम बड़े शहरों से लेकर दूर दराज के गांवों में भी दुकानें बंद रहीं। बंद समर्थकों ने कहीं चक्काजाम किया तो कहीं रैली निकालकर अपनी नाराजगी जताई। एक युवक की हत्या के विरोध में सूबे में पहली बार इस तरह के बंद का असर दिखा। स्कूली छात्रों से शुरू हुई दो गुटों की लड़ाई और फिर युवक की हत्या ने पूरे छत्तीसगढ़ का सियासी माहौल बदल दिया है। बीजेपी नेताओं ने इस मामले में राजभवन का दरवाजा भी खटखटाया।
बेमेतरा में सांप्रदायिक तनाव को बीजेपी राज्य सरकार की नाकामी बताकर घेर रही है लेकिन कांग्रेस ने बीजेपी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए सांप्रदायिकता का सहारा लेकर जाति और धर्म पर लड़ाने काम करती है।
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इसी साल 3 जनवरी को सरकार ने साजिश के इनपुट मिलने पर सांप्रदायिकता फैलाने वालों के खिलाफ रासुका लगाने का फैसला लिया था। सवाल है कि ऐसे इनपुट थे तो बेमेतरा की घटना के लिए किसे जिम्मेदार माना जाए? क्या वाकई चुनावी साल में छत्तीसगढ़ का माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है?

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