बर्खास्त संयुक्त कलेक्टर को बड़ी राहत, भ्रष्टाचार के मामले में हाईकोर्ट ने किया बरी

बर्खास्त संयुक्त कलेक्टर को बड़ी राहत, भ्रष्टाचार के मामले में हाईकोर्ट ने किया बरी

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  • Publish Date - June 26, 2019 / 08:45 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

बिलासपुर। एसडीएम रह चुके संतोष देवांगन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। ज्वाइंट कलेक्टर के पद पर रहते हुए संतोष देवांगन को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था और निचली अदालत से उन्हें सात साल की सजा सुनाई गई थी। इस वजह से संतोष देवांगन को नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया गया था। निचली अदालत के फैसले को संतोष देवांगन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने ये पाया कि मामले में सबूतों का अभाव है और संतोष देवांगन को सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

संयुक्त कलेक्टर संतोष देवांगन पर बिलासपुर में एसडीएम रहते हुए अवैध प्लाटिंग के एक केस में डेढ़ लाख रुपए के जुर्माने को बाद में नोटशीट बदलकर पंद्रह हजार करने का आरोप था। ईओडब्लू में इसकी शिकायत होने के बाद संतोष देवांगन को बलौदाबाजार कलेक्टर के बंगले से गिरफ्तार किया गया था। जून 2017 में ट्रॉयल कोर्ट ने संतोष देवांगन को सात साल की सजा सुनाई थी। इसके कारण सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। दो महीने जेल में रहने के बाद संतोष देवांगन जमानत पर बाहर थे।

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हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद जस्टिस आरसीएस सामंत ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकीलों ने दलील दी थी कि अधीनस्थ कर्मचारियों ने नोटशीट को बदलकर डेढ़ लाख की जगह 15 हजार कर दिया था और इसमें तत्कालीन एसडीएम की कोई भूमिका नहीं थी।