जांजगीर में खिला ब्रम्ह कमल, शास्त्रों में दर्शन की बड़ी मान्यता

जांजगीर में खिला ब्रम्ह कमल, शास्त्रों में दर्शन की बड़ी मान्यता

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  • Publish Date - August 18, 2019 / 08:32 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:37 PM IST

जांजगीर-चाम्पा. जांजगीर में बीआरसी ऋषिकान्ता राठौर के घर के आंगन में ब्रम्ह कमल के खिलने के बाद दर्शन के लिए देर रात लोगों की भीड़ जुट गई. ब्रम्ह कमल दर्शन की शास्त्रों और पुराणों में बड़ी मान्यता है और दर्शन से सभी मनोकामना पूरी होती है. ब्रम्ह कमल, सूर्यास्त के बाद खिलता है और रात 12 बजते ही, खिले हुए ब्रम्ह कमल की फ़ंखुड़ियाँ बन्द हो जाती है. ब्रम्ह कमल की खासियत है कि ब्रम्ह कमल हमारे इस क्षेत्र में विरले मिलते हैं, वहीं बरसों इंतजार के बाद ही ब्रम्ह कमल खिलता है. वैसे, ब्रम्ह कमल हिमायल क्षेत्र में ही मिलता है और इसलिए ब्रम्ह कमल को हिमालयी फूलों का राजा कहा जाता है.
जांजगीर में बीआरसी ऋषिकान्ता राठौर के निवास के आंगन में 1998 से ब्रम्ह कमल है, लेकिन ब्रम्ह कमल सबसे पहले 2015 में खिला, फिर 2018 में खिला और इस साल 2019 में खिला है. शास्त्रों व पुराणों में ब्रम्ह कमल की बड़ी मान्यता होने से नारियल लेकर लोग, देर रात दर्शन के लिए भीड़ जुटी और लोगों ने मनोकामना के लिए प्रार्थना की.

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बीआरसी ऋषिकान्ता राठौर और उनके पति आनन्द राठौर खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उनके घर के आंगन में ब्रम्ह कमल खिला है. 15 साल से ज्यादा समय बाद उनके घर के आंगन में ब्रम्ह कमल खिला था. इस साल फिर ब्रम्ह कमल खिला है, जिसके बाद लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. उनका कहना है कि ब्रम्ह कमल के दर्शन की बड़ी मान्यता है और हर कामना पूरी होती है.

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